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नेपाली अधिकारियों का दावा- इंडियन आर्मी ने जो पैरों के निशान देखें वह 'येति' के नहीं, जंगली भालू के हैं
भारतीय सेना ने कुछ दिनों पहले ही पहली बार हिममानव 'येति' की मौजूदगी को लेकर बड़ा दावा किया है. भारतीय सेना के इस दावे को अब नेपाल के अधिकारियों ने खारिज कर दिया है और कहा है कि यह जंगली भालू के पैरों के निशान हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय सेना ने कुछ दिनों पहले ही पहली बार हिममानव 'येति' की मौजूदगी को लेकर बड़ा दावा किया है. सेना ने कई तस्वीरें जारी करते हुए दावा किया है कि उसकी माउटाइरिंग एक्सपेडिशन टीम ने 09 अप्रैल को नेपाल-चीन सीमा पर मौजूद मकालू बेस कैंप के पास 'येति' के रहस्यमय पैरों के निशान देखे हैं. भारतीय सेना के इस दावे को अब नेपाल के अधिकारियों ने खारिज कर दिया है. नेपाल आर्मी के अधिकारियों ने कहा है कि इस तरह के फुटप्रिंट इस क्षेत्र में कई बार देखे जाते हैं और यह जंगली भालू के पैरों के निशान हैं.
बता दें कि भारतीय सेना ने अपने दावों के साबित करने के लिए येति के फुटप्रिंट बताते हुए कुल तीन तस्वीरें शेयर की हैं. इस फुटप्रिंट की लंबाई 32 इंच और चौड़ाई 15 इंच मापी गई जो इस इलाके में रहने वाले किसी और जानवर से मेल नहीं खाती. नेपाल में मौजूद मकालू-बारुन नेशनल पार्क का ये वही इलाके है जिसमें पहले भी येति देखे जाने का दावा किया जाता रहा है.
येती का रहस्य बता दें कि येति हिमालय का सबसे रहस्यमयी प्राणि है. येति को लेकर लोगों के अलग-अलग दावे हैं. कुछ लोगों का दावा है कि येति अब नहीं है. तो कुछ का कहना है कि येति सिर्फ पुराणों में मिलता है. येति दिखने में एक सामान्य इंसान से लंबा, भालू जैसा और बालों से पूरा शरीर ढ़का हुआ जैसा दिखता है.
दावे की जांच पड़ताल करेंगे वैज्ञानिक भारतीय सेना हिम-मानव से जुड़े फोटो और वीडियो जल्द सामने लाएगी. अभी तक किवदंतियों में ही येती की कहानियां सुनी जाती थी, लेकिन अब उसके अस्तितव के प्रमाण सामने आ सकते हैं. पहले भी नेपाल के इस माउंट मकालू पर्वत में ही येति को देखने की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन कोई प्रमाण नहीं मिलता था. पहली बार भारतीय सेना के इस दल ने प्रमाण दिया है. माना जा रहा है कि अब वैज्ञानिक सेना के इस दावे की जांच पड़ताल करेंगे.
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