Nepal Plane Crash News: नेपाल के पोखरा में एयरपोर्ट पर उतरने के दौरान रविवार (15 जनवरी) को पांच भारतीयों समेत 72 लोगों को लेकर जा रहा एक नेपाली यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में अब तक 68 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. नेपाली सेना के अधिकारी ने बताया कि तलाशी अभियान आज के लिए रोक दिया गया है. कई और शवों को निकाला जाना बाकी है. इस बीच इस हादसे में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा (Anju Khativada) की कहानी ने सबकी आंखों को नम कर दिया है.
विमान की को-पायलट (Co-Pilot) अंजू खतिवडा की बतौर को-पायलट यह आखिरी उड़ान थी. आज सकुशल लैंडिंग कराने के बाद वो कैप्टन बनने वाली थीं. कैप्टन बनने के लिए वो सीनियर पायलट और प्रशिक्षक कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं. पायलट बनने के लिए कम से कम 100 आवर्स (घंटों) का फ्लाईंग अनुभव चाहिए. को-पायलट अंजू ने इससे पहले भी नेपाल के लगभग सभी विमानस्थलों में सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई थी.
सफल लैंडिंग के बाद अंजू बन जाती कैप्टन
पोखरा के लिए उड़ान भरते समय कैप्टन केसी ने उन्हें मुख्य पायलट की सीट पर बैठाया था. आज सफल लैंडिंग के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन दुर्भाग्य से महज 10 सेकेंड की दूरी पर ही उनके सपने और अरमान धुंए में मिल गए. यति एयरलाइंस के विमान की को-पायलट की कैप्टन बनने से 10 सेकेंड पहले जान चली गई. कैप्टन केसी का पायलट का अनुभव 35 साल का था. केसी पहले भी कई पायलटों को ट्रेनिंग दे चुके हैं और उनके ट्रेंड लोग आज सफल पायलट के रूप में जाने जाते हैं.
पति की भी विमान हादसे में हुई थी मौत
एक और दुखद संयोग ये है कि को-पायलट अंजू के पति दीपक पोखरेल की भी विमान हादसे में जान गई थी और वो भी यति एयरलाइंस में ही थे. 16 वर्ष पहले उनके पति की मौत भी को-पायलट के रूप में ही हुई थी. 21 जून 2006 को यति एयरलाइंस के जिस विमान की दुर्घटना हुई थी उसके को-पायलट दीपक थे. नेपालगंज से सुर्खेत होते हुए जुम्ला जा रहा यति एयरलाइंस का 9N AEQ विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 6 यात्री और 4 क्रू मेंबर की मौत हो गई थी.
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