नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा 1-3 अप्रैल तक दिल्ली के दौरे पर जा रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्योते पर भारत भ्रमण पर जाने की तैयारी नेपाल के विदेश मंत्रालय के तरफ से की जा रही है . पांचवीं बार प्रधानमंत्री बने देउवा का यह इस कार्यकाल का पहला भारत भ्रमण है.


अपने भ्रमण के दौरान देउवा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त रूप से भारत नेपाल के बीच चलने वाले पहली रेल सेवा का उद्‌घाटन करने वाले हैं. 


भारत सरकार के सहयोग से करीब दस हजार करोड़ रुपये की लागत से बिहार के जनकपुर से नेपाल के बर्दिवास तक रेलवे लाइन बनाने की योजना है. पहले चरण में यह जयनगर से जनकपुर के कुर्था तक बनकर तैयार हो गया है. अभी भारत के कोंकण रेलवे के तकनीकी सहयोग से नेपाल की पहली रेल चलाई जाएगी .


दोनों देशों के प्रधानमंत्री के द्वारा औपचारिक उद्‌घाटन के बाद इसे आम जनता के सफर के लिए खोल दिया जाएगा. नेपाल रेलवे के लिए दो सेट ट्रेन और इंजन कोंकण रेलवे ने ही तैयार किए हैं .


भारत के सहयोग से नेपाल के जनकपुर ही नहीं बल्कि बिहार के रक्सौल से लेकर नेपाल की राजधानी काठमांडू तक इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने का वादा मोदी सरकार ने किया है. इसके लिए प्री-फिजिबिलिटी स्टडी और उसके बाद फिजिबिलिटी स्टडी भी कर ली गई है . इस समय रक्सौल काठमांडू रेलमार्ग के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डिपीआर) बनाने का काम तेजी से चल रहा है .


चीन के तरफ से नेपाल को रेलवे से जोड़ने की बात कई वर्षों से की जा रही है. लेकिन चीन की बातें सिर्फ समझौते के कागज तक में दी सिमट कर रह गया है.


इस बार भी नेपाल में कल यानी शुक्रवार से चीन के विदेश मंत्री  का दौरा होने जा रहा है. लेकिन इस बार भी नेपाल चीन के बीच में रेलवे समझौता पर कुछ खास नहीं होने वाला है.


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