नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच प्रचंड ने भारत के सामने फैलाया मदद का हाथ
प्रचंड के वजह से ही नेपाल-भारत के संबंधों दरार आयी थी. प्रचंड दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. जब वो पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो खुलेआम भारत को चुनौती दी थी. प्रचंड ने पशुपतिनाथ मन्दिर से भारतीय पुजारियों को भी निकालवा दिया था.
काठमांडू: एक वक्त कट्टर भारत विरोधी नेता कहे जाने वाले नेपाल के माओवादी नेता पुष्पकमल दहल "प्रचंड" ने भारत से मदद मांगी है. नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के अध्यक्ष रहे प्रचंड इस समय प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं.
एक टीवी इंटरव्यू में प्रचंड ने कहा, ''नेपाल के लोकतांत्रिक प्रक्रिया और शान्ति प्रक्रिया मे भारत का भरपूर सहयोग था, लेकिन भारत अभी मौन है, मैं आग्रह करना चाहता हूं भारत हमें सहयोग करे."
आप को बता दें कि प्रचंड के वजह से ही नेपाल-भारत के संबंधों दरार आयी थी. प्रचंड दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. जब वो पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो खुलेआम भारत को चुनौती दी थी. प्रचंड ने पशुपतिनाथ मन्दिर से भारतीय पुजारियों को भी निकालवा दिया था.
वर्तमान प्रधानमंत्री ओली और प्रचंड के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. ओली भारतीय पक्ष की ओर झुकाव रखते हैं तो प्रचंड चीन की ओर. नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी नेकपा अब दो खेमों में बंट गयी है. एक खेमे का नेतृत्व ओली कर रहे हैं तो दूसरे खेमे को प्रचंड का नेतृत्व हासिल है.
राजनीतिक संकट के बीच भारत आएंगे पीएम केपी ओली, तारीख तय भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूती देने के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत आएंगे. माना जा रहा है कि केपी ओली नए साल के मौके पर भारत की यात्रा कर सकते हैं. नेपाल के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केपी शर्मा ओली की भारत यात्रा की तारीख लगभग तय हो गई है.
कहा जा रहा है कि केपी ओली 4 जनवरी को भारत की यात्रा कर सकते हैं. वहीं केपी ओली से पहले नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली इस यात्रा की तैयारी के लिए भारत आएंगे. इससे पहले भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पिछले महीने ही नेपाल का दौरा किया था. उस यात्रा के बाद नेपाल और भारत की उच्च-स्तरीय यात्रा के लिए रास्ता खोला गया.