बिम्सटेक देशों के पहले सैन्य अभ्यास में हिस्सा नहीं लेगी नेपाल की सेना
प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के निर्देश के बाद नेपाली सैन्य नेतृत्व को भारत की पहल पर बनाए गए क्षेत्रीय समूह बिम्सटेक के पहले सैन्य अभ्यास से अपने कदम पीछे खींचने पड़े.
काठमांडू: एक राजनीतिक विवाद के बाद नेपाली सेना ने भारत में होने जा रहे बिम्सटेक (BIMSTEC) के पहले सैन्य अभ्यास में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. शनिवार को मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि बिम्सटेक देशों के सैन्य अभ्यास में नेपाली सेना के शामिल होने को लेकर देश में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया.
Nepal not to join the first-ever BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) military anti-terror exercise slated to be held in Maharashtra's Pune between September 10 to September 16 pic.twitter.com/wDNawYBWam
— ANI (@ANI) September 8, 2018
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रीय रक्षा बल से कहा कि वह अभ्यास में हिस्सा नहीं लें. प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद नेपाली सैन्य नेतृत्व को भारत की पहल पर बनाए गए क्षेत्रीय समूह बिम्सटेक के पहले सैन्य अभ्यास से अपने कदम पीछे खींचने पड़े.
‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के मुताबिक, ये फैसला ऐसे समय में किया गया जब रविवार को नेपाली सेना का एक दस्ता पुणे रवाना होने वाला था. सोमवार से पुणे में ही बिम्सटेक देशों का सैन्य अभ्यास शुरू होने वाला है. सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभावशाली नेताओं सहित अलग-अलग हलकों से कड़ी आलोचना के बाद सरकार ने यह फैसला किया.
बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) एक क्षेत्रीय संगठन हैं जिसमें भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल सदस्य देशों के तौर पर शामिल हैं. सभी सात सदस्य देशों की थल सेनाएं छह दिवसीय अभ्यास के लिए 30-30 सदस्यों का अपना दस्ता भेजने पर सहमत हुई थीं. यह कार्यक्रम उस वक्त विवादों से घिर गया जब अभ्यास में हिस्सा लेने का फैसला करने से पहले राजनयिक या राजनीतिक स्तर पर कोई सहमति कायम नहीं की गई.
अखबार ने ओली के प्रेस सलाहकार कुंदन आर्याल के हवाले से बताया, ‘‘सरकार ने नेपाली सेना को निर्देश दिया कि वह अभ्यास में हिस्सा नहीं ले.’’ एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि उन्हें कोई औपचारिक निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन 30 सदस्यीय दस्ते को रवाना होने से रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि अभ्यास की तैयारियों के सिलसिले में पहले ही पुणे पहुंच चुके तीन सैन्य अधिकारी भी जल्द ही लौटेंगे.