नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने संसद में विश्वास मत जीता, पिछले दिनों PM के रूप में ली थी शपथ
KP Sharma Oli: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने संसद में विश्वास मत जीता. नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है. पिछले 16 साल में देश में 14 सरकारें बनी हैं.
KP Sharma Oli: नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज (21 जुलाई) को रविवार को संसद में आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया. वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता ओली ने एक सप्ताह पहले ही चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की मंत्रिमंडल के 21 अन्य सदस्यों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.
सरकार बनाने के लिए नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 सदस्यों का समर्थन होना आवश्यक है. इस दौरान ओली को 188 मत मिले. उन्हें जरूरी समर्थन से 50 मत ज्यादा मिले. वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता ओली (72) ने चौथी बार सोमवार को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. ओली ने मंत्रिमंडल के 21 अन्य सदस्यों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.
30 दिन के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना जरूरी
नेपाल के संविधान के अनुसार, ओली के लिये नियुक्ति के 30 दिन के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना आवश्यक था. चूंकि, नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में उन्हें महज 138 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी.
प्रचंड ने खो दिया था विश्वास मत
नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को पिछले रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिये प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) तथा अन्य छोटी पार्टियां भी गठबंधन सरकार में शामिल हैं. वहीं, केपी शर्मा ओली (72) पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह ली जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए थे. इसकी वजह से ओली के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ.
Nepal Prime Minister K P Sharma Oli wins vote of confidence in Parliament
— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2024
ओली गठबंधन समझौते के तहत 2 साल बाद देउबा को सौंपेंगे सत्ता
नेपाल के नये प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने रविवार को पहली बार नेपाली कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गुप्त सात सूत्री समझौते के ब्योरे का खुलासा किया. जिसके तहत वह 2 साल तक सरकार का नेतृत्व करने के बाद सत्ता अपने गठबंधन सहयोगी दल के नेता शेर बहादुर देउबा को सौंप देंगे. संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए अपना प्रस्ताव पेश करते हुए ओली ने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार को गिराने के लिए 2 हफ्ते पहले उनके नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी- एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) और प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ हुए समझौते का खुलासा किया.
देउबा शेष डेढ़ साल के लिए सरकार का करेंगे नेतृत्व
ओली ने प्रतिनिधि सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘7 सूत्री समझौते के अनुसार, अगले 2 साल के लिए लिए मैं सरकार का नेतृत्व करूंगा और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा शेष (डेढ़ वर्ष की) अवधि के लिए सरकार का नेतृत्व करेंगे. अब तक 78 वर्षीय देउबा और 72 वर्षीय ओली के बीच हुआ सात सूत्री समझौता गुप्त रहा, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं के मन में भी संदेह पैदा हो गया था. इससे पहले नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भी ओली से संसद में इस समझौते को सार्वजनिक करने की मांग की थी.
पिछले 16 सालों में देश ने 14 सरकारें देखी
सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष अब नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, जो नेपाल में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना कर रही है. नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है. जहां गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 सालों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं.
4 बार केपी शर्मा ओली ले चुके हैं शपथ
ऐसा चौथी बार है जब नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. हालांकि, सबसे पहले ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से 3 अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया था. इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे थे.वहीं, इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री बने रहे. इसके बाद वह तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की वजह से 13 मई 2021 से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे.
वहीं, बाद में नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है.
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