'नेताजी और RSS का एक ही लक्ष्य है...', सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत
महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर RSS के चीफ मोहन भागवत ने कहा कि नेताजी और हमारे रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन दोनों के लक्ष्य एक हैं. हमें भारत को विश्व गुरु बनाना है.
Mohan Bhagwat On Subhas Chandra Bose: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि उनके राइट-विंग ऑर्गनाइजेशन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) का लक्ष्य एक ही है- भारत को एक महान राष्ट्र बनाना.
आरएसएस (RSS) और स्वतंत्रता सेनानी की विचारधारा समान नहीं होने को लेकर जारी बहस के बीच मोहन भागवत ने नेताजी की 126वीं जयंती के मौके पर सोमवार (23 जनवरी) को यह बयान दिया. वहीं, आरएसएस के आलोचक यह कहते रहे हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे, जो कि ‘‘आरएसएस की हिंदुत्ववादी विचारधारा के विपरीत है.’’
नेताजी की जयंती पर मोहन भागवत का संबोधन
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान की सराहना करते हुए मोहन भागवत ने सभी से सुभाष चंद्र बोस के गुणों व शिक्षाओं को आत्मसात करने और देश को ‘‘विश्व गुरु’’ बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कोलकाता में कहा, ‘‘हम नेताजी को केवल इसलिए याद नहीं करते क्योंकि हम स्वतंत्रता संग्राम में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उनके आभारी हैं, बल्कि साथ ही यह भी हमें सुनिश्चित करते हैं कि हम उनके गुणों को भी आत्मसात करें.’’
'भारत को महान बनाने का सपना अभी पूरा नहीं हुआ'
भागवत ने कहा, ‘‘नेताजी का भारत को महान बनाने का सपना अब भी पूरा नहीं हुआ है. हमें इसे हासिल करने के लिए काम करना होगा.’’ भागवत ने कहा कि स्थिति और रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक ही है.
'हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं, मगर लक्ष्य एक हैं'
भागवत ने कहा, ‘‘सुभाष बाबू (नेताजी) पहले कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने ‘सत्याग्रह’ तथा ‘आंदोलन’ के मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि यह काफी नहीं है और स्वतंत्रता के लिए लड़ने की जरूरत है तो उन्होंने इसके लिए काम किया. तो हमारे रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य एक हैं.’’
'सुभाष बाबू के आदर्श हमारे सामने मौजूद'
आरएसएस चीफ बोले, ‘‘अनुसरण करने के लिए सुभाष बाबू के आदर्श हमारे सामने मौजूद हैं. उनके जो लक्ष्य थे, वही हमारे भी लक्ष्य हैं.’’ उन्होंने कहा कि नेताजी ने कहा था कि भारत को दुनिया के लिए काम करना चाहिए और ‘‘हमें यही लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करना है.’’
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