Subhas Chandra Bose: 'रेंकोजी में रखी नेताजी की अस्थियों की DNA जांच हो', सुभाष चंद्र बोस की बेटी की मांग
Anita Bose: अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने कहा कि मैं सरकार के जवाब का कुछ देर इंतजार करूंगी, अगर मुझे जवाब मिलता है, तो यह अच्छा होगा और ऐसा न होने पर मैं जापान सरकार से संपर्क करूंगी.
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Subhas Chandra Bose Daughter: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने कहा कि वह टोक्यो के रेंकोजी मंदिर (Renkoji Temple) में रखी अस्थियों की डीएनए जांच (DNA Test) के लिए भारत और जापान की सरकारों से जल्द संपर्क करेंगी. अनिता बोस मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो ऐसे में बोस के जीवन से जुड़े रहस्यों को सुलझाना और अस्थियों को भारत लाना स्वतंत्रता सेनानी को असल श्रद्धांजलि होगी.
सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) की बेटी ने कहा, ‘‘नेता जी की बेटी होने के नाते, मैं चाहती हूं कि इस रहस्य के बारे में मेरे जीवित रहते पता चल जाए. मैं डीएनए जांच के लिए जल्द ही भारत सरकार से आधिकारिक रूप से संपर्क करूंगी.
'नेताजी की अस्थियों का हो DNA टेस्ट'
अनीता बोस फाफ ने कहा कि मैं सरकार के जवाब का कुछ देर इंतजार करूंगी, अगर मुझे जवाब मिलता है, तो यह अच्छा होगा और अगर मुझे उत्तर नहीं मिलता, तो मैं जापान सरकार से संपर्क करूंगी. अगर सरकार मान जाती है या वे मुझे इस दिशा में आगे बढ़ने को कहते हैं और खुद इसमें शामिल नहीं होना चाहते, तो मैं इस संबंध में आगे बढ़ सकती हूं.
जापान सरकार से करेंगी संपर्क
जर्मन नागरिक अनिता बोस फाफ ने कहा कि उन्होंने पूर्व में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान भारत सरकार से संपर्क किया था, लेकिन उन्हें इसका कभी जवाब नहीं मिला. उन्होंने जर्मनी से फोन पर कहा कि इस बार मैं ज्यादा देर नहीं करूंगी. कोविड-19 संबंधी स्थिति ने पहले ही इस मामले में दो साल की देरी कर दी है. मैं साथ- साथ जापान सरकार के भी संपर्क में रहूंगी. शुरूआत में, जापान सरकार ने अस्थियां रखने का फैसला किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह कुछ महीनों की बात है, लेकिन अब 77 साल हो गए हैं.
अनिता बोस ने की मोदी सरकार की तारीफ
अर्थशास्त्री फाफ ने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहती. कुछ लोग नेताजी के जीवन और उससे जुड़े रहस्यों में राजनीतिक लाभ देखते हैं, लेकिन आम तौर पर लोगों का यह रुख नहीं है. अब भी अधिकतर लोग उनकी सराहना करते हैं और राजनीति में शामिल नहीं होते. उन्होंने कहा कि बीजेपी नीत भारत सरकार बोस की विरासत के सम्मान के लिए अधिक काम कर रही है. यह मेरे लिए रहस्य नहीं है, क्योंकि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि उनका विमान दुर्घटना में निधन हो गया, लेकिन मैं उनकी अस्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाना चाहती हूं.
नेताजी की कब हुई थी मौत?
अनिता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने आगे कहा कि मैं अपने पिता की यह सेवा करना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि अब उन्नत प्रौद्योगिकी की मदद से अत्याधुनिक तरीके से डीएनए जांच (DNA Test) की जा सकती है. जिन लोगों को संदेह है कि क्या नेताजी (Netaji) का निधन 18 अगस्त, 1945 को हुआ था या नहीं, तो यह इस बात का वैज्ञानिक साक्ष्य हासिल करने का मौका है कि टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियां उनकी ही हैं.
गौरतलब है कि नेताजी की मौत को लेकर रहस्य कायम है. माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) का निधन हो गया था. दो जांच आयोगों ने कहा है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में हुई थी जबकि तीसरे जांच आयोग ने कहा कि बोस इसके बाद भी जीवित थे.
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