First Global Conference On Use Of AI In Military: टेक्नोलॉजी के युग में दुनिया का हर देश अब अपनी सेनाओं में मानव रहित हथियारों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग कर रहा है. सैन्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदारी से इस्तेमाल के लिए नीदरलैंड्स दुनिया का पहला वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने वाला है. नीदरलैंड्स ने इस सम्मेलन के लिए भारत को भी निमंत्रित किया है. 


साइबर सुरक्षा नीति पर इस सप्ताह हुई दूसरी वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आए राजदूत नथाली जारसमा ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया, "दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा में साझा चुनौतियों पर सहयोग बढ़ाया है. अब सेना में AI के जिम्मेदार उपयोग पर एक रोडमैप बनाने के लिए पहले वैश्विक सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया है." 


15-16 फरवरी को होगा सम्मेलन


नथाली जारसमा ने बताया, "15-16 फरवरी के दौरान द हेग में आयोजित होने वाले REAIM सम्मेलन का उद्देश्य सैन्य मामलों में AI के उपयोग के लिए मानदंड और नैतिक मानक स्थापित करना है." हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, जारसमा ने अपनी यात्रा के समापन पर एक साक्षात्कार में कहा, "नीदरलैंड्स और दक्षिण कोरिया की ओर से सह-मेजबानी में किए जा रहे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में चीन, जर्मनी, अमेरिका और यूके जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है."


स्वायत्त हथियार प्रणाली पर होगी चर्चा


नथाली जारसमा ने कहा, "यह न केवल स्वायत्त हथियार प्रणाली है, बल्कि निर्णय समर्थन प्रणालियों में एआई का अधिक व्यापक रूप से उपयोग है. इस सम्मेलन के लिए सवाल यह है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर हमारे पास क्या रोडमैप होना चाहिए."


सम्मेलन में बनाया जाएगा रोडमैप


जारसमा ने कहा, "सेना में एआई के उपयोग के लिए रोडमैप बनाया जाएगा. इसमें तय किया जाएगा कि सेना में एआई के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहमत मानदंडों, सीमाओं और नैतिक मानकों पर कैसे आना चाहिए. इसमें चीन जैसे देशों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है." उन्होंने कहा, "हमने महसूस किया कि यह एक वैश्विक मुद्दा है. अभी यह अपेक्षाकृत शुरुआती चरण में हैं, इसलिए इस पर अभी बात की जा सकती है."


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