जोधपुर: डिजिटल इंडिया पीएम मोदी का सपना है. देश भर में राशन की दुकानों को भी कैशलेस बनाया गया और पीओएस मशीनें लगाई गईं, लेकिन राजस्थान के गांवों में नेटवर्क की दिक्कत ने ग्राहकों की जान जोखिम में डाल रखी है.


जोधपुर से 80 किमी दूर अमृतनगर इलाके में एक राशन की दुकान है. यहां कतार में खड़े लोग बांस की सीढ़ी पर चढ़कर छत पर जाते हैं ताकि वहां रखे POS मशीन में अंगूठा लगा सकें, और अपना राशन ले सकें.



दरअसल राशन दुकानों को कैशलेस बनाने का एलान तो कर दिया गया. पीओएस मशीन भी दुकाओं पर आ गई हैं, लेकिन नीचे मशीन को सिग्नल नहीं मिलता. इसलिए राशन दुकानदार नेटवर्क पाने के लिए छत पर मशीन को ले जाते हैं और फिर डंडे में तार बांधकर उठाया जाता है ताकि किसी तरह मशीन में नेटवर्क आ जाए.



जब सिग्नल मिल जाता तो यहीं पर लोगों को बुलाकर इसमें अंगूठा लगवाया जाता है पैसे लिए जाते हैं औऱ फिर नीचे राशन के लिए भेजते हैं. सरकार डिजिटल इंडिया की बात कर रही है, लेकिन यहां राशन के लिए आसमान की ऊंचाई नापनी पड़ रही है.


राजस्थान का दर्जनों गांवों में राशन दुकानों पर ऐसी तस्वीर आपको दिख जाएगी. सवाल ये है कि देश को कैशलेस बनाने की बातें की जा रही है लेकिन इन हालातों में देश कैशलेस कैसे होगा ?


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