देशभर में अब तक कोरोना वायरस से लाखों लोग संक्रमित हुए हैं. हालांकि ज्यादातर लोग इस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं. लेकिन उन्हें अन्य तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. हाल ही में दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल ने जानकारी दी है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां सामने आ रही हैं. दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों में ब्रेन हेमरेज जैसे केस देखने को मिल रहे हैं. ऐसे मामले हमारे लिए चिंता करने वाली बात है. 


कोविड से पहले संक्रमित रह चुके हैं ये लोग


मूलचंद अस्पताल की एक वरिष्ठ न्यूरोसर्जन ने बताया, "इनमें से अधिकांश मामले ऐसे हैं, जिन्हें कुछ समय पहले कोविड हुआ था. 37 फीसदी लोगों ने सिर दर्द, बदन दर्द जैसी तकलीफों के बारे में सूचना दी है. वहीं, 26 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्हें स्मेल और स्वाद का पता ना चल पाने की परेशानी सामने आई है. मूलचंद अस्पताल ने एक बयान में यह भी कहा कि उसके बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में 60 प्रतिशत तक मरीजों ने चिंता, अवसाद, आत्महत्या के विचार, अकेलेपन की भावना जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि के बारे में शिकायत की है, और उनमें से अधिकतर ऐसे हैं, जिन्हें कुछ समय पहले कोविड हुआ था.


कोविड के बाद न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें


बता दें कि कोरोना से उबरने के बाद मरीजों को न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें हो रही हैं. कई मामलों में मरीजों का दिमाग भी ठीक से काम नहीं कर पाता. दिमाग से जुड़ी परेशानियों को ब्रेन फॉग यानी दिमाग का धुंधला होना माना गया है. दिमाग पर सीधा प्रभाव के अलावा, कोविड-19 दूसरे अंगों पर लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है. इसके लक्षणों में थकान, शरीर में दर्द, व्यायाम कर पाने में असर्मथता, सिर दर्द, सोने में परेशानी शामिल है. इन लक्षणों में से कुछ लंग्स, दिल, किडनी या अन्य अंगों के नुकसान की वजह से हो सकता है.


यह भी पढ़ें


India Monsoon Update: आज से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ज्यादा होगी बारिश, महाराष्ट्र-गोवा को मिल सकती है राहत


जातिगत जनगणना: जीतनराम मांझी ने कहा- जब बाघ और बकरियों की गिनती हो सकती है तो जातियों की क्यों नहीं हो सकती?