(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नए दौर का श्रवण कुमार स्कूटर पर कराता है मां को तीर्थयात्रा, अब आनंद महिंद्रा ने की है कार की पेशकश
आनंद महिंद्रा ने मैसूर के एक ऐसे शख्स की कहानी शेयर की है जिसने अपनी मां को तीर्थयात्रा पर ले जाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्होंने उस शख्स को इस यात्रा के लिए एक महिंद्रा केयूवी 100 एनएक्सटी गिफ्ट देने का प्रस्ताव भी दिया.
महिंद्रा ग्रूप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और आए दिनों अपनी सोशल एक्टिविटी के जरिए खबरों में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक ऐसे शख्स की कहानी से सभी को रू-ब-रू कराया है, जिसने अपने मां को तीर्थयात्रा कराने के लिए नौकरी छोड़ दी.
महिंद्रा ने मैसूर के एक ऐसे शख्स की कहानी शेयर की है जिसने अपनी मां को तीर्थयात्रा पर ले जाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्होंने उस शख्स को इस यात्रा के लिए एक महिंद्रा केयूवी 100 एनएक्सटी गिफ्ट देने का प्रस्ताव भी दिया. महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, "एक खूबसूरत कहानी. एक मां के लिए प्यार की कहानी लेकिन साथ ही देश के लिए प्यार की भी कहानी."
उन्होंने आगे लिखा, "अगर आप इनका संपर्क मुझसे करा सकते हैं तो मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें महिंद्रा केयूवी 100 एनएक्सटी उपहार में देना चाहूंगा जिससे वे अपनी अगली यात्रा पर अपनी मां को उसमें ले जा सकें."
A beautiful story. About the love for a mother but also about the love for a country... Thank you for sharing this Manoj. If you can connect him to me, I’d like to personally gift him a Mahindra KUV 100 NXT so he can drive his mother in a car on their next journey https://t.co/Pyud2iMUGY
— anand mahindra (@anandmahindra) October 23, 2019
एक ट्विटर यूजर ने उन्हें रिप्लाई दिया, "यह देखकर मेरे मन में भी यही विचार आया था..श्रवण कुमार की जगह ये कृष्ण कुमार हैं. कोई अंतर नहीं."
एक अन्य यूजर ने लिखा, "आनंद महिंद्रा सर, आम आदमी की सहायता करने और उसे प्रेरित करने के लिए मैं आपको सलाम करता हूं. लगभग दो साल पहले तीन-पहिया वाहन को मोडीफाइड स्कॉर्पियो में बदलने पर आपने मिस्टर मनोज को चार-पहिया वाहन महिंद्रा सप्रो उपहार में दी थी."
महिंद्रा की इस पोस्ट को 24,000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं और 6,000 से ज्यादा बार उसे रीट्वीट्स किया जा चुका है.
इंटरनेट पर प्राप्त खबर के अनुसार, कुमार ने पिछले साल जनवरी में अपनी मां को तीर्थयात्रा कराने के लिए अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी थी और दोनों लोगों ने भारत के कई तीर्थस्थानों की यात्रा की थी. उन्होंने सात महीने तक अपने स्कूटर के पीछे अपनी मां को यात्रा कराई थी और इस दौरान वे होटलों की अपेक्षा मठों में रुकते थे.