नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच सीमा पर करीब सात महीने से तनाव चल रहा है. चीन के साथ टेंशन के बीच भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत बना रहा है. दोनों देशों के बीच विवाद के केंद्र में रही पैंगोंग झील में भारत पेट्रोलिंग क्षमता में इजाफा करने जा रहा है.
पैंगोंग झील में पेट्रोलिंग बढ़ाने के लिए भारत दो दर्जन स्वदेशी बोट्स बना रहा है. इन बोट्स में पहले के मुकाबले ज्यादा सैनिक पेट्रोलिंग कर सकेंगे.


सुत्रों के अनुसार, चीनी सैनिकों के गश्त में इस्तेमाल की जाने वाली नौकाओं की क्षमता भारत के मुकाबला बेहतर है. इसलिए नई बोट्स बनाई जा रही हैं, जो ज्यादा क्षमता वाली और मजबूत होंगी और चीनी क्षमता का मुकाबला कर सकेंगी. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पों के बाद बोट्स की क्षमता बढ़ाने की जरूरत मानी गई है.


25-30 सैनिक कर सकेंगे पेट्रोलिंग


नई बोट्स में 25-30 सैनिकों के पेट्रोलिंग के लिए ले जाने की क्षमता होगी. अभी इस्तेमाल होने वाली बोट्स में सिर्फ 10-12 सैनिकों के पेट्रोलिंग क्षमता है. साथ ही इन नई बोट्स में तेज टक्कर सहने की क्षमता होगी, ऐसे में ये क्षमता चीन के बराबर होंगी.


134 किलोमीटर में फैली झील


गौरतलब है कि पैंगोंग झील में अगले तीन महीनों तक बर्फ जमी रहेगी. गर्मियों में फिर झील में गश्त शुरू की जाएगी. माना जा रहा है कि तब तक ये बोट्स तैनाती के लिए जाएंगी. पैंगोंग झील करीब 134 किलोमीटर लंबी है. इसके दो-तिहाई हिस्से पर चीन के नियंत्रण है और 45 किलोमीटर झील पर भारत का प्रभावी नियंत्रण है.


गौरतलब है कि इस साल मई में पैंगोंग झील में दोनों देशों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों में हुई झड़पों में कई सैनिक घायल भी हुए थे. जून को गालवान घाटी हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने हताहत होने वाले अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई थी.


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