New Criminal Laws: देश में सोमवार (1 जुलाई) से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. अब IPC और CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं. इन कानूनों के आने से पुलिसिंग सिस्टम में भी काफी बदलाव हो गए हैं. अब किसी शख्स को मुकदमा दर्ज कराना है तो उसे पुलिस थाने में नहीं जाना होगा. इसके अलावा किसी भी शख्स के घर में तलाशी या जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी करना अब अनिवार्य होगा. 


भारतीय न्याय संहिता के मुताबिक अब इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन के जरिए दी गई जानकारी पर भी मुकदमा लिखा जा सकेगा. आसान शब्दों में कहें तो अब ई-मेल, व्हाट्सएप, और सीसीटीएनएस पोर्टल के जरिए अब केस दर्ज करवाया जा सकता है. इसके लिए अब किसी भी शख्स को केस दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी. अगर ई-एफआईआर दर्ज करवाई जाती है तो तीन दिन के भीतर पीड़ित को थाने जाना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसकी एफआईआर को फर्जी माना जाएगा. 


जानें घर बैठे कैसे लिखवाएं FIR?


देशभर में लागू हुए नए कानूनों के तहत अब केस दर्ज करवाने के लिए किसी भी शख्स को पर्सनल तौर पर पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं होगी. वहीं, नए कानूनों में अब जीरो एफआईआर, समन के लिए एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का इस्तेमाल, पुलिस शिकायत का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, जघन्य अपराधों के लिए घटनास्थल की वीडियोग्राफी जैसे नियमों को शामिल किया गया है. इस नई व्यवस्था के तहत अपराध की तत्काल रिपोर्टिंग और पुलिस को तेजी से कार्रवाई करने में काफी मदद मिलेगी.


नए कानूनों में किन लोगों को पुलिस स्टेशन जाने से मिलेगी छूट


बताया जा रहा है कि महिलाओं, 15 साल से कम उम्र के लोगों, 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांग जनों को या फिर गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस स्टेशन जाने से छूट मिलेगी. वे पुलिस लोग अपने घर पर बैठे ही पुलिस की मदद ले सकते हैं. वहीं, नए कानूनों के अंतर्गत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा. पीड़ित को भी सूचना का अधिकार दिया गया है. उसके दर्ज कराए केस में जांच की स्थिति, चार्जशीट की जानकारी पुलिस को पीड़ित को देनी होगी.


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