नई दिल्ली: देश में अर्थव्यवस्था की हालत कुछ ठीक नहीं है और अब टेलीकॉम सेक्टर के सामने भी नई मुसीबत खड़ी हो गई है. इस वजह से 10 हजार लोगों की नौकरियां खतरे में है. वोडाफोन-आइडिया कंपनी घाटे में चल रही है जिससे देश के करोड़ों लोग जुड़े हैं. ट्राई के मुताबिक कंपनी की कमाई एक तिमाही में करीब 10 हजार करोड़ रुपये है.
वोडाफोन-आइडिया कंपनी इस वक्त घाटे का सफर तय कर रही है. शेयर बाजार में इसके एक शेयर की कीमत 33 फीसदी नीचे गिरकर 4 रुपये तक पहुंच चुकी है...कंपनी के निवेशक,शेयरधारक और कर्मचारी परेशान हैं. इस चिंता को लेकर एबीपी न्यूज ने जब 20 करोड़ लोगों की आशंकाओं पर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री से सवाल किया तो कहा, ''नो नो नो, आप लोग जा सकते हैं धन्यवाद.''
टेलकॉम कंपनियों का ये हाल आखिर है क्यों?
दरअसल टेलीकॉम कंपनियों को AGR यानी एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में 1.02 लाख करोड़ रुपये सरकार को चुकाने हैं. ये टेलीकॉम कंपनियों पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क है. कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालकर जुर्माना, ब्याज और जुर्माने पर लगने वाले ब्याज पर छूट मांगी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट याचिका को खारिज कर चुका है.
अब टेलीकॉम कंपनियों को 23 जनवरी तक सरकार को पूरी रकम चुकानी है. वोडाफोन-आइडिया को 53 हजार करोड़ रुपये सरकार को देने हैं लेकिन कंपनी ने सरकार से मदद मांगी है, जो अभी तक नहीं मिली है वोडाफोन का कहना है कि अगर मदद नहीं मिली तो कंपनी के बंद होने का संकट गहरा जाएगा.
अगर वोडाफोन-आइडिया कंपनी बंद होती है तो सबसे पहला असर रोजगार पर पड़ेगा. दूसरा सबसे बड़ा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ना तय है जो इस कंपनी की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं.
इसके साथ ही बाजार पर भी इसका बड़ा असर होगा. कंपनी के शेयर करीब 33 फीसदी नीचे गिर चुके हैं. म्यूचुअल फंड स्कीम्स कि नेट ऐसेट वैल्यू 4 से 7% कम हुई. बाजार की ऐसी हालत और घटते रोजगार के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर जवाब देने को तैयार नहीं है.