कायाकल्प के बाद बेहद शानदार और भव्य होगा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन दिल्ली के केंद्र में है. कनाट प्लेस के पास है. एयरपोर्ट और दिल्ली एनसीआर से मेट्रो से जुड़ा हुआ है. रिडेवलपमेंट के बाद ये रीजनल कनेक्टिविटी का एक बहुत बड़ा हब बन जाएगा.
नई दिल्ली: रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की प्रोजेक्टेड इमेज जारी की है. आरएलडीए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और इसके आस-पास के इलाक़ों का पुनर्निर्माण कर रहा है. 2024 के अंत तक ये पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास को लेकर आरएलडीए वर्चुअल रोड शो आयोजित करेगा.
वर्चुअल रोड शो के बारे में
वर्चुअल रोड शो के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स को परियोजना के विभिन्न आयामों के बारे में बताया जाएगा. 14 से 19 जनवरी 2021 के बीच ऑनलाइन आयोजित होने वाले इस रोड शो में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और स्पेन समेत विभिन्न देशों के निवेशक और डेवलपर्स हिस्सा लेंगे. इसमें ऐसे प्राईवेट प्लेयर्स के साथ इस प्रॉजेक्ट की चर्चा होगी जो इसके निर्माण कार्य में निवेश कर सकते हैं. इस पहल का उद्देश्य संबद्ध स्टेकहोल्डर्स जैसे कि यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और साउथ एशिया के अंतरराष्ट्रीय रियल एस्टेट डेवलपर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेयर्स और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को शामिल करना है. परियोजना को बेहतर ढंग से समझाने के लिए आरएलडीए ने परियोजना से संबंधित एक वॉकथ्रू भी तैयार किया है जिसे रोड शो के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा.
रिडेवलपमेंट से लगेंगे पर्यटन और आर्थिक विकास को पंख
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास आरएलडीए की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है. इससे पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली एनसीआर और उसके आस पास के शहरों का सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन होगा.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन दिल्ली के केंद्र में है. कनाट प्लेस के पास है. एयरपोर्ट और दिल्ली एनसीआर से मेट्रो से जुड़ा हुआ है. रिडेवलपमेंट के बाद ये रीजनल कनेक्टिविटी का एक बहुत बड़ा हब बन जाएगा.
लगभग 50 अरब रूपए का होगा निवेश
इस प्रॉजेक्ट को 60 वर्षों के कन्सेशन पीरियड के लिए डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर (डीबीएफ़ओटी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा. इसमें लगभग 680 मिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश की उम्मीद है. इस प्रॉजेक्ट में डेवलपर के लिए कई रिवेन्यू स्ट्रीम की गुंजाइश रखी गई है, जिसमें रियल एस्टेट अधिकारों से होने वाली आमदनी भी है.
चार साल में बन कर तैयार हो जाएगा स्टेशन
परियोजन को लगभग चार सालों में पूरा किया जाना है. इसमें 2 फरवरी 2021 तक रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) का चरण पूरा होगा. सितंबर 2020 में एक प्री-बिड सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें अदानी, जीएमआर, जेकेबी इन्फ्रा, अरबियन कन्स्ट्रकशन कंपनी, एसएनसीएफ़, एंकरेज जैसे प्रमुख कोंपनियों ने भाग लिया था.
मास्टर प्लान
मास्टर प्लान एरिया लगभग 120 हेक्टेयर का है, जिसमें से 88 हेक्टेयर को चरण-1 (परियोजना) में शामिल किया गया है. मास्टर प्लान की ज़िम्मेदारी आरएलडीए की ही है. तमाम तरह की परमिशन प्रक्रिया को तेज करने के लिए, दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक सर्वोच्च समिति भी बनाई गई है. इस परियोजना में टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) नीति के तहत उच्च एफएसआई की अनुमति के साथ लगभग 12 लाख वर्गमीटर का विकास शामिल है. इस प्रॉजेक्ट के दो प्रमुख हिस्से हैं- स्टेशन कम्पोनेंट और स्टेशन एस्टेट.
स्टेशन कंपोनेंट के तहत चार तरह के डेवेलपमेंट होंगे
1. विभिन्न सुविधाओं के साथ नई टर्मिनल बिल्डिंग 2. रेलवे कार्यालय 3. रेलवे क्वार्टर और 4. सहायक रेलवे कार्य
स्टेशन एस्टेट के तहत भी चार तरह के डेवलपमेंट होंगे
1. रिटेल स्पेस जो स्टेशन से सटे हैं 2. कॉमर्शियल ऑफ़िस 3. होटल 4. आवासीय परिसर।
स्टेशन और आस-पास की बिल्डिंगों के बारे में
1. गुंबद के आकार की टर्मिनल बिल्डिंग जिसमें दो-एंट्री और दो-एग्ज़िट एरिया होंगे 2. स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) 3. 40 मंजिल ऊंचे ट्विन टॉवर (होटल/कार्यालय और पोडियम पर खुदरा केंद्र के साथ) और 4. हाई स्ट्रीट खरीदारी के साथ पैदल यात्रियों के लिए अलग मार्ग शामिल होगी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जुड़ेगा परिवहन के सभी साधनों से
परिवहन एकीकरण और विकास के लिए स्टेशन को एक बहु-मॉडल केंद्र के रूप में प्रस्तावित किया गया है. यह दिल्ली एनसीआर में ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) अवधारणा पर विकसित किया जाने वाला पहला प्रोजेक्ट बन जाएगा.
देश के लगभग सभी स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित किया जाएगा
आरएलडीए 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक आईआरएसडीसी ने अन्य 61 स्टेशनों को पुनर्विकसित करने हेतु चयनित किया है. पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर, पानीपत, पुदुचेरी और इरनाकुलम जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है. भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित किया जाएगा.
आरएलडीए किन ज़मीनों पर पुनर्विकास करवाएगा ?
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेल मंत्रालय के अधीन है, जिसका मुख्य उद्देश्य रेल सम्पत्तियों का विकास और पुनर्विकास करना है. इसमें प्राईवेट पार्टनर को लंबी अवधि के लीज़ पर दे कर पुनर्विकास कराया जाएगा. रेलवे स्टेशनों के विकास के रूप में ये लैंड चार तरह की होगी- 1. ग्रीनफील्ड भूखंडों 2. मल्टी-फंक्शनल कॉम्प्लेक्स 3. रेलवे कॉलोनियों और 4. रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास