‘नई शिक्षा नीति’ के तहत सभी स्कूलों में हिंदी को आठवीं कक्षा तक अनिवार्य करने की सिफारिश
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति (एनईपी) कस्तूरीरंगन समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया है जिसने पूरे देश में आठवीं कक्षा तक के लिए हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने की सिफारिश की थी.
नई दिल्ली: अब स्कूलों में कक्षा आठ तक बच्चों को हिन्दी विषय पढ़ना अनिवार्य हो सकता है. दरअसल केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत पूरे देश में आठवीं कक्षा तक के लिए हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने की सिफारिश की गई है. सरकार ने हिंदी को अनिवार्य किए जाने की सिफारिश के कस्तूरीरंगन समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हिन्दी के अलावा रिपोर्ट में विज्ञान और गणित विषयों के लिए पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम रखने, जनजातीय बोलियों के लिए देवनागरी में लिपि विकसित करने और ‘हुनर’ के आधार पर शिक्षा का प्रसार करने जैसी अन्य सिफारिशें शामिल हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है,''समिति के सदस्यों ने मुझसे मिलने का समय मांगा था. ये रिपोर्ट संसद सत्र के बाद मुझे मिलेगी.'' खबरों की माने तो इस पॉलिसी को सार्वजनिक कर सरकार इसपर सुझाव मांग सकती है. हालाकि प्रकाश जावड़ेकर ने हिन्दी को अनिवार्य करने की खबरों का फिलहाल खंडन किया है.
The Committee on New Education Policy in its draft report has not recommended making any language compulsory. This clarification is necessitated in the wake of mischievous and misleading report in a section of the media.@narendramodi @PMOIndia
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 10, 2019
रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लेकर समिति में शामिल सूत्रों का कहना है, ‘सामाजिक विज्ञान के तहत स्थानीय विषय सामग्री ली जानी चाहिए. लेकिन अलग-अलग राज्य शिक्षा बोर्डों में 12वीं तक विज्ञान और गणित के अलग-अलग पाठ्यक्रम रखने का कोई लॉजिक नहीं है. ये दोनों विषय किसी भी भाषा में पढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन पाठ्यक्रम सभी राज्यों में एक समान होना चाहिए.’
अखबार ने बताया कि प्रस्तावित एनईपी कक्षा पांच तक के लिए स्थानीय भाषाओं से संबंधित पाठ्यक्रम रखने की पक्षधर है. उसका कहना है कि जिन इलाकों में जो भाषाएं बोली जाती हैं, वहां के कक्षा पांच तक के छात्रों को वे भाषाएं सिखाई जानी चाहिए.