New EVM Machine: देश में ईवीएम मशीनों पर काफी बहस होती रही है, लेकिन इन सबके बीच नई तरह की ईवीएम मशीनें लाने की तैयारियां हो रही हैं. इन नई मशीनों को रिमोट वोटिंग मशीन के नाम से जाना जाएगा. वोटिंग के लिए अभी जो ईवीएम मशीन इस्तेमाल की जा रही है उससे ये नई मशीनें कहीं आगे होंगी.
बता दें कि इस्तेमाल में लाई जा रहीं ईवीएम मशीनों के बैलेट यूनिट में सिर्फ उसी क्षेत्र और चुनाव के कैंडिडेट्स की लिस्ट रहती है जहां उसका इस्तेमाल हो रहा है. मगर, डायनामिक ईवीएम में डाटा को एकत्रित करने की अधिक क्षमता होगी. नई ईवीएम में इतना डाटा सेव हो सकता है कि दिल्ली में बैठा कोई भी वोटर उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, कर्नाटक के बैंगलोर या फिर कश्मीर के श्रीनगर में अपने गृह क्षेत्र की लोकसभा या विधानसभा सीट को सर्च कर अपनी पसंद के कैंडिडेट को वोट कर सकता है.
प्रवासी वोटर को गृह क्षेत्र में जाना होता है
इसके लिए जरूरी है कि कैंडिडेट का अपने इलाके की वोटिंग लिस्ट में नाम दर्ज हो और उसी के हिसाब से वोटर आईडी कार्ड भी होना जरूरी है. लेकिन, फिलहाल ऐसा होता है कि कोई प्रवासी वोटर या तो वोट देने अपने गृह क्षेत्र में जाता है या फिर दिल्ली में अपना वोटर कार्ड बनवा कर यहीं के चुनाव में वोट डालता है. फिलहाल किसी दूसरे शहर में बैठकर किसी दूसरे शहर के उम्मीदवार को चुनने का कोई नियम नहीं है.
10 हजार ईवीएम से बदलाव हो सकता है
चुनाव आयोग के अनुसार, 10 हजार ऐसी डायनामिक ईवीएम से यह बदलाव हो सकता है क्योंकि हर एक जिले में अगर ऐसी 5-6 मशीनें दूरदराज और शहरी क्षेत्रों में तैनात करवा दी जाएं और बड़े शहरों में उसी अनुपात में इनकी तादाद बढ़ा दी जाए तो यह संभव हो सकता है. हालांकि बड़े शहरों में नई ईवीएम की संख्या बढ़ानी होगी क्योंकि वहां प्रवासी वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा रहती है.
वहीं, सब कुछ प्लानिंग के अनुरूप रहा तो कोई आश्चर्य नहीं है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में नया बदलाव देखने को सकेगा. इसके जरिए वोटर देश में कहीं भी रहते हुए अपने गृह क्षेत्र में वोट डाल सकेगा.