नई दिल्ली: बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ ने कटीली तार की जगह नई फैंस लगानी शुरू कर दी है. इस स्मार्ट फेंस की खास बात ये है कि इसे आसानी से काटा नहीं जा सकता है जैसा कि पुरानी कटीली तार में था जिसे कहीं से भी कोई काटकर घुसपैठ कर सकता था. पायलट-प्रोजेक्ट के तौर पर करीब सात किलोमीटर लंबी इस स्मार्ट फेंस को बांग्लादेश सीमा से सटे असम के सिल्चर सेक्टर में लगाया गया है. ये बिल्कुल 'न्यू-डिजाइन' फेंस है जिसे ना तो काटी जा सकती है और ना ही इस पर जंग लगता है और ना ही इस पर चढ़ा जा सकता है‌.


बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के डीजी, विवेक जौहरी के मुताबिक, इस नए फेंस को काटना बेहद मुश्किल है, क्योंकि इसमें काटने की जगह नहीं है. जबकि पुरानी कटीली-तार को प्लास या किसी और दूसरे औजार से आसानी से काटा जा सकता था. यही वजह है कि पहले चरण में सिल्चर-लाथिटिला सेक्टर में इस नए फेंस को लगाया गया है. जौहरी के मुताबिक, ये इसलिए किया जा रहा है ताकि घुसपैठिए कटीली तार को काटकर भारत की सीमा में दाखिल ना हो पाए.


जानकारी के मुताबिक, सिल्चर में सात किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर इस स्मार्ट फेंस को लगाने में बीएसएफ को 14.30 करोड़ रूपये की लागत आई है. यानी प्रति एक किलोमीटर करीब दो करोड़ रूपये. ये दरअसल, एक जालीदार फेंस है जिसमें काटने की जगह नहीं है.





गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई के महीने में गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसएफ को चार हजार किलोमीटर (4156 किलोमीटर) भारत-बांग्लादेश सीमा पर ऐसी जगह चिंहित करने के लिए कहा था जहां से घुसपैठ, स्मैगलिंग और दूसरे बॉर्डर-क्राइम होने की ज्यादा संभावना होती है. उसके बाद ही ऐसे इलाकों की पहचान कर वहां इस तरह की नई फेंस को लगाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो इस तरह की फेंस को दूसरे संवदेनशील सेक्टर्स में लगाया जायेगा.


सूत्रों के मुताबिक, जब से देश में सीएए यानी नागरिक संसोधन अधिनियम लागू हुआ है तब से बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है. कई घटनाएं तो ऐसी सामने आई हैं जहां घुसपैठिएं वापस बांग्लादेश वापस लौट रहे हैं. हाल ही में भारत के दौरे पर आए बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक ने कहा था कि पिछले साल घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे करीब 900 बांग्लादेश मूल के लोगों को बीजीबी ने गिरफ्तार किया है. इनमें से बड़ी तादाद में ऐसे बांग्लादेशी थे जिन्हें बीएसएफ ने सीमा पर घुसपैठ के दौरान वापस खदेड़ दिया था.


आपको बता दें कि पिछले साल ही बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से सटे ढुबरी सेक्टर में भी लेजर-फेंस लगाने का काम शुरु किया था. करीब 60 किलोमीटर लंबे इस सेक्टर में ब्रहमपुत्र नदी की कई सहायक नदियां हैं जो भारत और बांग्लादेश सीमा के बीच से गुजरती हैं. ऐसे में इस सेक्टर में भी कटीली तार या फेंस नहीं लगाई जा सकती थी. इसीलिए वहां पर लेजर से युक्त सीबीआईएम यानी कॉम्प्रेहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था.