New Generation Akash Missile: भारत ने बुधवार को आकाश मिसाइल के नए संस्करण (आकाश-एनजी) का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी प्रकार की हथियार प्रणाली से लैस मिसाइल का परीक्षण दोपहर करीब पौने एक (12:45) बजे जमीन आधारित मंच से किया गया. हैदराबाद स्थित डीआरडीएल ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर इस मिसाइल प्रणाली को विकसित किया है.


जमीन से हवा में मार करने की क्षमता से लैस इस मिसाइल का परीक्षण समेकित परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया गया. सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल की उड़ान से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सभी हथियार प्रणाली के सफल, बिना किसी गड़बड़ी के काम करने की पुष्टि हुई है. सेवा में आने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायुसेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उसकी क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाली साबित होगी.


वहीं, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को स्वदेश में विकसित कम वजन वाले ऐसी टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया जिसे व्यक्ति के कंधे पर रख कर चलाया जा सकता है. इस सफल परीक्षण के साथ ही सेना द्वारा इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल के सफल परीक्षण को सरकार के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ की दिशा में बड़ा कदम बताया. 
इस मिसाइल का विकास भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता विकसित करने के लिए किया जा रहा है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए और भारतीय सेना को मजबूत करने के लक्ष्य से डीआरडीओ ने स्वदेश में विकसित कम वजन वाली, दागो और भूल जाओ, मैन पोर्टेबल टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का 21 जुलाई को सफल परीक्षण किया.’’ बताया गया है कि मिसाइल को थर्मल साइट से जुड़े मैन-पोर्टेबल लांचर से दागा गया और निशाना एक टैंक जैसी वस्तु को बनाया गया.


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