नई दिल्ली: 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़े बदलाव करते हुए गृहमंत्रालय ने एसपीजी और सभी राज्यों को प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षा को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं. गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों के डीजीपी और एसपीजी को कहा है कि सार्वजनिक मंचों पर पीएम मोदी के नज़दीक किसी भी मंत्री, सांसद, विधायक को ना आने दिया जाए जब तक एसपीजी इस बात की मंजूरी न दे दे.


गृहमंत्रालय के सूत्रों ने सुरक्षा के नए दिशा निर्देशों की जानकारी देते हुए कहा कि "खुफिया एजेंसियों ने पीएम की सुरक्षा को लेकर जो जानकारी दी थी उसके मुताबिक पीएम मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारक होने के नाते 2019 में लगातार जनसभा करेंगे. मंच पर उम्मीदवार के अलावा कई स्थानीय नेता होंगे ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की ज़रूरत है. बिना सुरक्षा जांच के बिना किसी को मंच पर आने की इजाज़त न दी जाए."


एबीपी न्यूज़ ने 11 जून को जानकारी दी थी कि जब पुणे पुलिस ने पीएम मोदी को नक्सली हमले के खतरे के बारे में खुलासा किया था. नक्सलियों की साज़िश है थी पीएम मोदी को राजनैतिक रैली में राजीव गाँधी की तरह हत्या की जाए. एसपीजी ने उसके बाद पीएम मोदी और एसपीजी सुरक्षा पाने वाले सभी नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी. उसके बाद एसपीजी ने तय किया है कि पीएम मोदी और राहुल गाँधी को सलाह दी जाएगी कि वो बिना किसी सुरक्षा इजाज़त या पूर्व योजना के रोड शो ना करें.


इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर अब एसपीजी पीएम मोदी को आम क्लोज प्रोटेक्शन ग्रुप यानी सीपीजी के 12 से 16 कमांडो अब बॉडी कवर देंगे. पहले ये कमांडो शैडो कवर देते थे यानि कुछ दूरी बना कर रखते थे. दरअसल ये व्यवस्था उस वक़्त लागू की गई थी जब जनधन व्यवस्था के लॉन्च के वक़्त एसपीजी कमांडो के कैमरे के सामने आने पर पीएम ने आपत्ति जताई थी.


एसपीजी ने ये भी तय किया है अब ब्रीफ़केस की तरह दिखने वाले बैलिस्टिक शील्ड से किसी भी मानव बम या फिदायीन हमले को रोकने के लिये क्लोज प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो एक बजाय तीन बैलिस्टिक शील्ड के साथ रहेंगे. अत्याधुनिक हथियारों से लैस ये कमांडो किसी भी हमलावर को हमले से पहले ही खत्म देने की क्षमता रखते हैं.


एसपीजी सुरक्षा का दूसरा घेरा काउन्टर असॉल्ट ग्रुप यानी सीएजी के अत्याधुनिक हथियारों से लैस 22 कमांडो का है. इन कमांडो की जिम्मेदारी है कि कोई भी संदिग्ध को पीएम के नज़दीक ना पहुंच पाए. इन कमांडो के पास संदेह की स्थिति में किसी भी व्यक्ति ऐसे व्यक्ति पर हमला करने के निर्देश होते हैं जिन से पीएम मोदी को खतरा हो. खतरे को देखते हुये एसपीजी और तमाम सुरक्षा एजेंसियों को नए गाइडलाइंस के मुताबिक ही पीएम की सुरक्षा व्यवस्था पर अमल लाएं.


दरअसल कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनएसए अजित डोवाल, गृहसचिव राजीव गौबा, आईबी प्रमुख और एसपीजी प्रमुख भी थे. उसके बाद ही इस गाइडलाइंस पर काम शुरू हुआ था. जिस पर अमल के लिए गृहमंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिठ्ठी लिखी है.