Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्रामीण परिवेश के सरकारी स्कूलों को एक नई सौगात मिली है. प्रदेश के 26 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में कम खर्चे वाले डायनिंग हॉल तैयार किए जा रहे हैं. डायनिंग हॉल के नाम पर बने पत्थर के टेबल कुर्सी पर बच्चे दोपहर का भोजन भी खाएंगे और साथ ही उन टेबल कुर्सी पर बैठकर पढ़ेंगे भी.


पंचायत विभाग ने ये काम मनरेगा के पैसों से करवाया है. इसलिए ये काम जल्दी भी हो गया है. इस काम की शुरुआत भोपाल जिले के फंदा ब्लॉक के सुखी निपनिया गांव से हुआ. वहां पहुंचे पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बच्चों को नए टेबल कुर्सी पर बैठाया और उनको सूखा राशन परोसा. कोविड काल में इन दिनों बच्चों को सूखा राशन ही दिया जा रहा है. मंत्री सिसोदिया ने कहा कि मैं ग्रामीण परिवेश से आया हूं. इसलिए स्कूल के बच्चों का नीचे बैठकर पढ़ना और खाना कितना तकलीफदेह होता है ये समझता हूं.


उन्होंने कहा कि मेरे मन में बड़ी इच्छा थी कि इन बच्चों की क्लासों से टाट पट्टी से उनको मुक्ति दिलवाऊं. लकड़ी के टेबल कुर्सी खरीदने में लंबी खरीद प्रक्रिया होती. इसलिए मनरेगा के पैसों से सरकारी स्कूलों में ये पत्थर के टेबल कुर्सी बनवा दिए हैं. पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ये काम चल रहा है. इससे बच्चों को नीचे बैठने से भी छुट्टी मिलेगी. निपनिया गांव के बच्चे इस मौके पर बहुत खुश दिखे.


तीसरी कक्षा की ज्योति कहती है कि ये अच्छा काम है. अब हमको नीचे बैठकर खाना नहीं खाना पड़ेगा और इन पर बैठकर हम पढ़ भी पाएंगे. अब तक प्रदेश के तीन हजार से ज्यादा स्कूलों में ये डायनिंग हॉल बन गए हैं. बच्चे इन पर चित्रकारी कर अपने इन टेबल कुर्सी को सुंदर भी बना रहे है. प्रदेश सरकार की इस योजना को केंद्र सरकार ने सराहा है और दूसरे राज्यों से भी ऐसी ही पहल करने को कहा है.


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