New Liquor Policy: दिल्ली सरकार ने 2021-22 की नई एक्साइज नीति लागू करवाई थी. वहीं इस मामले में गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर एमएचए के डायरेक्टर प्रवीन कुमार राय ने सीबीआई से इस मामले की तफ्तीश करने के आदेश जारी किए थे. जांच के आदेश के साथ मौजूदा एलजी विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) का एक लेटर भी अटैच किया, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा 2021-22 की एक्साइज (आबकारी) की नई नीतियों को एप्लाई करने के मामले में गड़बड़ियों का जिक्र था.
मनीष सिसोदिया और एक्साइज के पूर्व अफसरों का रोल
इस लेटर में दिल्ली के मौजूदा डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया, एक्साइज विभाग के तत्कालीन कमिश्नर आरव गोपी कृष्णा, डिप्टी कमिश्नर एक्साइज आनंद तिवारी, एसिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर ने एक्साइज की ये नई पॉलिसी की सिफारिश की और बिना कन्सर्न अथॉरिटी की परमिशन लिए साल 2021-22 में ये पॉलिसी लागू करवा दी गई, जिसका मकसद लाइसेंस धारियों को अनुचित लाभ पहुंचाना था.
कारोबारियों और सिसोदिया के करीबियों की भूमिका
सूत्रों से मिल जानकारी के मुताबिक पेरनोड रिकार्ड (Pernod Recard) कंपनी के पूर्व कमर्चारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स (Brindco Sprits) के मालिक अमनदीप धाल और इडो स्पिरिट्स (Indo Sprits) के मालिक समीर महेंद्रू 2021-22 की नई एक्साइज पॉलिसी बनाते हुए उसमे गड़बड़ी करने और इस पॉलिसी को लागू करने में इनका अहम रोल है.
क्रेडिट नोट्स जारी कर होती थी फर्जी एकाउंट्स में एंट्री
सीबीआई को अपने सोर्सेस से जानकारी मिली कि L1 लाइसेंस होल्डर्स, रिटेल वेंडर्स को क्रेडिट नोट्स जारी कर रहे हैं, जिसका मकसद सरकारी अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के लिए फंड्स डाइवर्ट करना था. इसके बदले में ये एकाउंट्स में फर्जी एंट्री कर अपना रिकार्ड ठीक दिखा रहे थे. आरोपी अमित अरोड़ा मेसर्स बढी रिटेल्स प्राइवेट लिमीटेड के डायरेक्टर, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे जो कि मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी हैं, सभी गलत तरीके से एक्साइज अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर शराब के लाइंसेंस अलग-अलग कंपनियों को दिलवा रहे हैं.
पैसों का ऐसे हुआ ट्रांजेक्शन
आरोपी समीर महेंद्रू जोकि मेसर्स इंडो स्प्रिट्स के एमडी हैं. उन्होंने 1 करोड़ रुपए मेसर्स राधा इंडस्ट्रीज के राजेन्द्र प्लेस स्थित यूको बैंक के एकांउन्ट में ट्रांसफर किए. राधा इंडस्ट्री दिनेश अरोड़ा की है. वहीं दिनेश अरोड़ा जोकि मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी हैं, यानी शक है कि दिनेश के जरिये मनीष सिसोदिया तक लाभ पहुंचा. एफआईआर में ये भी लिखा गया है कि आरोपी अरुण रामचन्द्र पिल्लई गलत तरीके से एक शख्स के जरिए पैसा इकट्ठा कर पब्लिक सर्वेंट यानी एक्साइज अधिकारियों को पहुंचाया करता था. अर्जुन पांडे ने एक बार तकरीबन 2 से 4 करोड़ रुपए इंडो स्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू से एक शख्स के जरिए लिए.
दिवंगत पोंटी चड्डा का भी नाम सामने आया
एफआईआर के मुताबिक, महादेव लिकर्स को भी L1 लाइसेंस जारी किया गया था. इस फर्म में सनी मारवा ऑथोराइज़्ड सिग्नेटरी है. साथ ही, सनी मरवा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वो उन कंपनियों में भी डायरेक्टर के पद पर है, जो दिवंगत पोंटी चड्डा से संबधित है. बताया गया है कि सनी मारवा एक्साइज अधिकरियों के बेहद करीबी था और उन्हें गलत तरीके से अक्सर लाभ भी पहुंचाया करता था. ये सभी आरोपी आईपीसी की धारा 120 बी, 477 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत इनपर केस दर्ज किया गया और इसकी जांच सीबीआई के ऑफिसर आलोक कुमार शाही, डीएसपी, एसीबी, सीबीआई को दी गई है.
2024 चुनाव केजरीवाल vs बीजेपी बनाने की कोशिश? आप MLA सौरभ भरद्वाज ने दिया बड़ा बयान