(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New MSP Rates: मोदी सरकार ने बढ़ाई गेंहू पर MSP, सरसों और मसूर के दामों में भी किसानों को मिलेगा ये दाम
केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को खाद्य पदार्थों के लिए गेहूं समेत 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का एलान कर दिया है. सरकार ने गेंहू के समर्थन मूल्य में 110 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा कर दिया है.
New MSP Rates: केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) सरकार ने अगले रबी खरीद सीजन के लिए गेहूं समेत 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) का एलान कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि मोदी सरकार ने लागत मूल्य से कम से कम 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने का अपना वादा पूरा कर दिया है.
कैबिनेट के द्वारा घोषित की गई MSP के मुताबिक गेंहू के समर्थन मूल्य में 110 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है. इस समर्थन मूल्य को बढ़ाने से अब गेंहूं के प्रति क्विंटल दाम 2015 रुपए से बढ़कर 2125 रुपए प्रति क्विंटल हो गये हैं. इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर की एमएसपी में की गई है.
मसूर दालों के दाम इतने बढ़े दाम
सरकार ने मसूर के दामों में 500 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा करते हुए इसे 5500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है. वहीं सरकार ने तिलहन और सरसों के दाम MSP 5050 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5450 रुपए प्रति क्विंटल कर दिये हैं. ये इन खाद्य पदार्थों में की गई 104% की बढ़ोतरी है. अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक ही किसानों को कम से कम 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने का फैसला किया है.
क्या है एमएसपी?
केंद्रीय मंत्री ने बतया की पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में छह रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया. एमएसपी वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदती है. इस समय सरकार खरीफ और रबी दोनों सत्रों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है.
रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई, खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर में शुरू होती है. गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सीसीईए ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) और विपणन सत्र 2023-24 में छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है.
यह पूछने पर कि क्या रबी फसलों के एमएसपी बढ़ाए जाने से महंगाई बढ़ेगी? इसके जवाब में ठाकुर ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में है. फसल वर्ष 2022-23 के लिए जौ का समर्थन मूल्य 100 रुपये बढ़ाकर 1,735 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है जो पिछले साल 1635 रुपये प्रति क्विंटल था.
दलहन के कितने दाम बढ़े?
दलहन में चना के लिए एमएसपी को 5,230 रुपये प्रति क्विंटल से 105 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. मसूर का एमएसपी 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से 500 रुपये बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. सरकार ने कहा कि फसल वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि आम बजट 2018-19 के मुताबिक है. जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत के मुकाबले कम से कम 1.5 गुना तय करने की घोषणा की गई है. सरकार ने कहा कि इससे किसानों को उनके परिश्रम का उचित मूल्य मिलेगा.
बयान में कहा गया कि वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए हैं. इसके बाद दलहन और तिलहन की पैदावार काफी बढ़ी है. कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार तिलहन उत्पादन 2014-15 में 275 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 377 लाख टन हो गया है. इसी तरह दलहन की पैदावार में भी वृद्धि हुई है.