(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New Parliament Building: 'पंडित नेहरू का अंतिम संस्कार, सावरकर...', 28 मई को क्या-क्या हुआ, नई संसद के उद्घाटन पर कांग्रेस ने बताया
New Parliament Building: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार का निशाने पर लिया है. इसके लिए 28 मई की तारीख प्रमुख वजह बनी है.
New Parliament Building: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नवनिर्मित संसद भवन का लोकार्पण कर दिया है. इस मौके पर स्पीकर ओम बिरला समेत व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. वहीं, कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी समेत 21 दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. उद्घाटन के मौके पर कांग्रेस ने एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उद्घाटन के लिए 28 मई की तारीख चुनने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
जयराम रमेश ने एक ट्वीट कर बताया है कि 28 मई के दिन ही पंडित नेहरू का अंतिम संस्कार किया गगया था. इसके साथ ही सावरकर के जन्मदिन का भी जिक्र करते हुए इस दिन उद्घाटन समारोह रखने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है.
जयराम रमेश ने कहा-
- नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था.
- सावरकर, जिसकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उसका जन्म 1883 में हुआ था.
- राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी हैं, उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है. उन्हें 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई.
- एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिसे संसदीय प्रक्रियाओं से नफ़रत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहता है या कार्यवाहियों में भाग लेता है, 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहा है.
- तथ्यों को बिगाड़कर, तोड़-मरोड़ कर पेश करना और मीडिया का ढोल पीटना 2023 में गिरावट का सबसे निचला स्तर है.
बीजेपी का पलटवार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पलटवाल किया है. मुंडा ने कहा, कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. आज इस तरह की बातें कहकर ये कोशिश कर रहे हैं कि हम आदिवासियों के नुमाइंदे हैं. उन्हें पहले अपनी करनी का मूल्यांकन करना चाहिए.
सुप्रिया सुले ने कहा- अधूरा कार्यक्रम
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा, बिना विपक्ष की उपस्थिति के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता, इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है. ये एक अधूरा कार्यक्रम है. 3 दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया. वे फोन पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क कर सकते थे.
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