New Parliament Building Inauguration: संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कह रही है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए. इसको लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी, कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सहित 20 दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की, लेकिन कई ऐसे भी विपक्षी पार्टियां है जो कि उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होगी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (TDP), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की वाई एस आर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने बुधवार (24 मई) को घोषणा की कि वो संसद भवन के उद्घाटन प्रोग्राम में जाएगी.
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है. ऐसे में हमने तय किया कि हम जाएंगे. विपक्ष के उठाए गए मुद्दों से हम सहमत नहीं है. वाई एस आर कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने भी ये ही बात दोहराई.
कौन सी पार्टियां शामिल नहीं होगी?
नई संसद के उद्घाटन में 20 विपक्षी दल शामिल नहीं होंगे. इसमें कांग्रेस, टीेएमसी, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक), मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और एनसीपी के के अलावा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल ने बहिष्कार का ऐलान किया है. तेलंगान के मुख्यमंत्री केसीआर की भारत राष्ट्र समिति पार्टी (बीआरएस) ने भी अलग से घोषणा की है कि वो समारोह में शामिल नहीं होगी.
विपक्ष क्या कह रहा है?
कांग्रेस और टीएमसी सहित कई विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बजाए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को करना चाहिए. विपक्षी दल कह रहे हैं कि केंद्र सरकार लोकतंत्र पर हमला कर रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्या बोले?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को फिर से सोचने की कहते हुए कहा कि यह सही नहीं है कि हर मुद्दें पर राजनीति हो. सब अपनी सोचने की क्षमताओं के अनुसार प्रतिक्रिया दे रहे हैं और काम करते हैं.