New Parliament Building: जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा और राजीव गांधी तक का जिक्र...विपक्ष के बायकॉट पर BJP ने ऐसे किया पलटवार
Parliament Building Inauguration: कई विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग करते हुए समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है.
New Parliament Inauguration: संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. पीएम मोदी (PM Modi) 28 मई को नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. इससे पहले 19 विपक्षी दल इस कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं. नए संसद भवन पर जारी इस घमासान के बीच बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तक का जिक्र करते हुए पलटवार किया है.
इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार (24 मई) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल स्थापित करने का निर्णय एक ऐतिहासिक क्षण है. सेंगोल राष्ट्रीय महत्व का है और ऐतिहासिक महत्व रखता है. ये पहली बार जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 को राजेंद्र प्रसाद जैसे नेताओं की उपस्थिति में, तमिलनाडु से आए पुजारियों से प्राप्त किया था.
सेंगोल को नए भवन में किया जाएगा स्थापित
नए संसद भवन में ब्रिटिश हुकूमत की ओर से भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. नड्डा ने कहा कि सेंगोल शासन करने के सर्वोच्च नैतिक अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है. मैं हमारे इतिहास के इस महत्वपूर्ण पहलू को जीवंत करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं.
इंदिरा और राजीव गांधी का भी किया जिक्र
जेपी नड्डा ने कहा कि भारत की आजादी की पूर्व संध्या की इस घटना को याद करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव से बेहतर कोई अवसर नहीं है और नई संसद की तुलना में सेंगोल के लिए कोई बेहतर जगह नहीं है. इससे पहले कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि 24 अक्टूबर, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद के एनेक्सी भवन का उद्घाटन किया था और 15 अगस्त, 1987 को उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसदीय पुस्तकालय का शिलान्यास किया था.
विपक्ष ने उठाई है ये मांग
उन्होंने कहा कि अगर आपके सरकार के अगुवा संसद एनेक्सी और पुस्तकालय का उद्घाटन कर सकते हैं तो इस सरकार के अगुवा क्यों नहीं, सीधी सी बात है. बता दें कि, 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है. कुछ विपक्षी दलों ने समारोह के बहिष्कार की घोषणा की क्योंकि उनका कहना है कि ये उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाना चाहिए.
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