New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह की कांग्रेस, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित 20 दलों ने बुघवार (24 मई) को बहिष्कार की घोषणा की. इसी बीच बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि ये सही नहीं है. 


एमनडीए ने कहा, "यह कृत्य केवल अपमानजनक नहीं है बल्कि यह हमारे महान राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है. यह विपक्ष के दिवालियापन को दिखाता है. अफसोस की बात यह है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है.'' 


एनडीए ने आगे कहा कि पिछले नौ सालों में इन विपक्षी दलों ने बार-बार संसदीय प्रक्रियाओं के प्रति कम सम्मान दिखाया है. संसद के सत्रों को बाधित किया है, महत्वपूर्ण विधेयकों के दौरान वॉकआउट किया है. संसद के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की उपेक्षा का एक और उदाहरण है.


विपक्षी दल क्या मांग कर रहे हैं?
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी(आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने उद्घाटन समारोह का संयुक्त रूप से बहिष्कार करने की घोषणा की है. 


समारोह का संयुक्त रूप से बहिष्कार करने वाले दलों में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हैं. इन सभी पार्टियों ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बजाए राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू की इसका उद्घाटन करना चाहिए.  इनके अलावा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने को कहा है.


यह विपक्षी दल होंगे शामिल
पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (TDP), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने विपक्षी दलों से अलग राय रखते हुए कहा कि वो उद्घाटन प्रोग्राम में जाएंगे. वहीं पूर्व सीएम मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने अभी इसको लेकर कुछ नहीं कहा है. 


सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष को सोचकर फैसला करना चाहिए. हर मुद्दों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए है. वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल इसे मुद्दा बना रहे हैं. 


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