New Parliament Inauguration Row: पार्लियामेंट के नए भवन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार बढ़ती जा रही है. नई संसद के उद्घाटन समारोह को लेकर गुरुवार (25 मई) को भी दोनों ओर से तीखी बयानबाजी का दौर जारी रहा. इस मामले को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) ने भी विपक्ष पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. जबकि विपक्षी दलों ने भी प्रधानमंत्री पर अपना हमला जारी रखा और उनकी सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया.
1. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के राजनीतिक दल जो 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेंगे, उनमें शिवसेना (एकनाथ शिंदे), नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जन-नायक पार्टी, एआईएडीएमके, आईएमकेएमके, एजेएसयू, आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पट्टाली मक्कल कच्ची, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, अपना दल और असम गण परिषद शामिल हैं.
2. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले गैर-एनडीए दलों में लोक जनशक्ति पार्टी (पासवान), ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजेडी, यूपी की पूर्व सीएम मायावती की बसपा, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी, पंजाब का शिरोमणि अकाली दल और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की जेडीएस शामिल हैं. एचडी देवेगौड़ा खुद समारोह में शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा कि ये भव्य भवन देश की जनता के पैसों से बनाया गया है. यह देश का है, बीजेपी या आरएसएस का नहीं है.
3. आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया कि हमारे देश को एक नया संसद भवन मिलने जा रहा है. इसके लिए मैं पीएम मोदी, केंद्र सरकार और हर वह व्यक्ति जिसने इस ऐतिहासिक भवन को बनाने में योगदान दिया है, उसका धन्यवाद करता हूं. वहीं बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना अनुचित है. उन्होंने उद्घाटन समारोह के लिए शुभकामनाएं दीं और स्पष्ट किया कि उनका रुख इस मामले में अन्य विपक्षी दलों से अलग है. हालांकि, मायावती ने यह भी कहा कि पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण वह उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगी. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से समारोह में जाने का आग्रह किया.
4. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का रवैया नकारात्मक है. पीएम 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, लेकिन कांग्रेस ये बहाना बनाकर इसका बहिष्कार कर राजनीति कर रही है कि राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए. मैं कांग्रेस के साथ चलने वालों से कहना चाहूंगा कि उनके साथ चलोगे तो उनके जैसे ही बन जाओगे.
5. पीएम मोदी ने भी गुरुवार को तीन देशों के दौरे से दिल्ली लौटने के बाद विपक्ष के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार करने के फैसले को लेकर उनपर परोक्ष रूप से निशाना साधा. पीएम ने कहा कि सिडनी में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम के दौरान न केवल ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और सत्तारूढ़ पार्टी के नेता बल्कि एक पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी सदस्य भी वहां मौजूद थे.
6. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोकतंत्र का माहौल था कि हर कोई भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुआ. उन्होंने कहा कि वह विदेशों में भारत और यहां के लोगों की ताकत के बारे में आत्मविश्वास से बोलते हैं और दुनिया सुनती है क्योंकि यहां के लोगों ने पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी है. पीएम मोदी की ये टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है जब कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया है. ये विपक्षी दल भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग कर रहे हैं.
7. इस बीच ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर संसद भवन के उद्घाटन के लिए देश की राष्ट्रपति को निमंत्रित नहीं कर आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगाया और इस कदम के खिलाफ 26 मई को देशव्यापी प्रदर्शन का एलान किया. ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस के प्रमुख शिवाजीराव मोघे ने कहा कि राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतंत्र का अपमान है. ये उद्घाटन आदिवासियों एवं महिलाओं का अपमान है.
8. विपक्षी दलों ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर अपना हमला जारी रखा और आरोप लगाया कि उनकी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया कि मोदी जी, संसद जनता की ओर से स्थापित लोकतंत्र का मंदिर है. राष्ट्रपति का पद संसद का प्रथम अंग है. आपकी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है. 140 करोड़ भारतीय जानना चाहते हैं कि भारत के राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक छीनकर आप क्या दिखाना चाहते हैं. वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले चर्चा हो सकती थी. इसको बनाने की जरूरत क्या थी? अब आगे की बात हम संसद में बोलेंगे.
9. नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है. याचिका में लोकसभा सचिवालय को नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जो देश की प्रथम नागरिक और इस लोकतांत्रिक संस्था की प्रमुख हैं. अधिवक्ता जया सुकीन ने याचिका में दलील दी कि नए भवन के उद्घाटन के लिए 18 मई को लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान और लोकसभा महासचिव की और से जारी आमंत्रण पत्र संविधान का उल्लंघन करता है.
10. पीएम मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है और पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में वीर सावरकर को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी. कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 21 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है.
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