New Parliament Building Inauguration: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) चीफ गुलाम नबी आजाद ने नए संसद भवन को लेकर जारी गतिरोध के बीच केंद्र सरकार को समर्थन दिया है. उन्होंने बुधवार (24 मई) को कहा कि आज से 32 साल पहले जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब शिवराज पाटिल ने कहा था कि 2026 से पहले नया और बड़ा संसद भवन बनना चाहिए क्योंकि 2026 तक अंकुश लगा है कि संसद की सीटें बढ़ाई नहीं जा सकती हैं. 


उन्होंने कहा कि जहां तक नया संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है. यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी. अब कोई इसका बहिष्कार करता है या उद्घाटन समारोह में नहीं जाता है तो इस पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है. सरकार कोई भी होती तो उसे संसद भवन बनाना ही पड़ता. उन्होंने कहा कि नए भवन का निर्माण जरूरी था और यह अच्छा है कि अब यह बन गया है.


हंगामे के मूड में विपक्षी दल 


बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को दोपहर 12 बजे नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले 60,000 श्रमिकों को सम्मानित भी करेंगे. हालांकि, इसके उद्घाटन समारोह से पहले विपक्षी दल हंगामे के मूड में हैं. इसका लगातार बहिष्कार करने की बात कही जा रही है. विपक्ष का कहना है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री को. 


सांसदों और प्रमुख नेताओं को न्योता 


नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों की लिस्ट तैयार की गई है. सभी सांसदों और प्रमुख नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. नए संसद भवन को बनाने में करीब 1,200 करोड़ रुपये खर्च आया है. नए संसद भवन का क्षेत्रफल 64,500 स्क्वायर मीटर है.


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