New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत हवन और पूजा के साथ हो गई है. संसद भवन का उद्घाटन समारोह करीब सात घंटे तक चलेगा. कार्यक्रम पीएम मोदी के भाषण के साथ खत्म होगा. 8.30 से 9 बजे के बीच लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल की स्थापना की जाएगी. इसके बाद प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा. यह प्रार्थना सभा एकता और दिव्य आशीर्वाद को बढ़ावा देगी. आज पीएम मोदी 75 रुपये का स्मारक सिक्का और मोहर भी जारी करेंगे. 


वहीं दोपहर 12 बजे समारोह का दूसरा चरण राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा. इस महत्वपूर्ण अवसर के महत्व को दर्शाने वाली दो शार्ट फिल्में भी दिखाई जाएंगी. इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदेश को राज्यसभा के उपसभापति की ओर से पढ़कर सुनाया जाएगा. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी देश को संबोधन करेंगे, लेकिन बहिष्कार की वजह से उनके आने की उम्मीद कम है. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भाषण देंगे. दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खास सिक्का और मुहर जारी करेंगे. इसके बाद 1.10 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देंगे. जिसके बाद कार्यक्रम खत्म होगा.  


नई संसद में समाया देश
नई संसद के निर्माण में देश के ज्यादातर राज्यों से लाई गई चीजों का इस्तेमाल किया गया है. इसमें महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई सागौन की लकड़ी का प्रयोग किया गया है. राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया बलुआ पत्थर लगाया गया है. इस पत्थर का इस्तेमाल लालकिले और हुमायूं के मकबरे में किया गया था. यूपी के मिर्जापुर से लाई गई कारपेट बिछाई गई है. त्रिपुरा से मंगवाई गई बांस की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. राजस्थान के राजनगर और यूपी के नोएडा के स्टोन जाली वर्क्स मंगाए गए है. वहीं नई संसद में लगे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ में प्रयोग की जाने वाली चीजों को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगाया गया था.


कैसे बनी नई संसद
नई संसद का निर्माण तीन साल में हुआ है. भवन का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है. 971 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन कई आकर्षक को समेटे हुए है. नए संसद परिसर में पहले से काफी ज्यादा व्यवस्था है. राष्ट्रीय पक्षी मोर की आकृति से प्रेरित बनी नई संसद में लोकसभा और राज्यसभा समेत कुल 1272 सीटें हैं. जिसमें लोकसभा की 888 सीटें और राज्यसभा की 384 सीटें हैं. इसका कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी ने किया है और इसे डिजाइन गुजरात के आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने किया है. 


नई संसद से नाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद की नींव 10 दिसंबर 2020 को रखी गई थी. जिसके बाद पीएम 26 सितंबर 2021 को भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों से मिले. 11 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री ने भवन की छत के शीर्ष पर सारनाथ के सिंह शीर्ष के प्रतीक का अनावरण किया. प्रधानमंत्री ने 20 मार्च 2023 को नई संसद के निर्माण का जायजा लिया. 


नई संसद में सुविधाएं
नई संसद भवन कई हाईटेक सुविधाओं से लेस है. संसद की हर सीट पर डिजिटल ऑडियो-वीडियो सिस्टम, टच स्क्रीन हैं. संविधान हॉल में लोकतांत्रिक विरासत का प्रदर्शन किया गया है. ग्रीन बिल्डिंग होने की वजह से भवन में 30% कम बिजली की खपत होगी. इसके अलावा ऑडियो विजुअल सिस्टम से लैस 6 बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल है. साथ ही मंत्रियों के इस्तेमाल के लिए 92 कमरे भी बनाए गए हैं. 


पुराने संसद भवन का क्या होगा?
नई संसद के उद्घाटन के बाद पुराने संसद भवन की इमारत को नहीं ढाया जाएगा. पुराने भवन में मरम्मत का काम होगा और इसका भी इस्तेमाल भी होता रहेगा. बेहतर कामकाज में दोनों भवन साथ काम करेंगे. इसके अलावा पुराने भवन के एक हिस्से को म्यूजियम में बदलने की योजना है. 


पुरानी संसद का देश से क्या है नाता
पुरानी संसद के दौरान देश को 15 प्रधानमंत्री, 17 लोकसभा स्पीकर मिले. इसके साथ ही कुल 5,047 लोकसभा सांसद और 2,417 राज्यसभा सांसद मिले. करीब 10.44 लाख डिबेट हुईं, PM के 989 भाषण हुए और और राष्ट्रपति के 171 अभिभाषण हुए. पुरानी संसद में 3,891 बिल पास हुए. 6,456 लोकसभा बैठक हुई और 5,589 राज्यसभा बैठक हुई.

पुराने भवन का निर्माण 12 फरवरी 1921 शुरू हुआ था. इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को लॉर्ड इरविन ने किया था. 14-15 अगस्त 1947 ब्रिटिश सत्ता का हस्तांतरण हुआ. जिसके बाद पं. नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण दिया. भारतीय संविधान की  1946-1950 में यहीं हुई. 26 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट ने यहां से काम शुरू किया. जिमी कार्टर ने 2 जनवरी 1978 संसद को संबोधित किया. 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकी हमला हुआ. PM मोदी ने 20 मई 2014 को संसद को नमन किया.


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