Parliament Building Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. इस कार्यक्रम को भव्य बनाए जाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इसी क्रम में प्रोग्राम में शामिल होने वाले अतिथियों की लिस्ट भी सामने आई है. इसके लिए कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के पूर्व अध्यक्ष और सभापति भी शामिल हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला रविवार (28 मई) को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सांसदों को फिजिकल और डिजिटल दोनों रूपों में निमंत्रण भेजा गया है.
इन गणमान्यों को भी भेजा गया निमंत्रण
इसी के साथ सूत्रों के मुताबिक, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा जा चुका है. सूत्रों ने बताया, “दोनों सदनों के मौजूदा सदस्यों के अलावा, लोकसभा के पूर्व अध्यक्षों और राज्यसभा के पूर्व सभापतियों को भी निमंत्रण भेजा गया है. सभी मुख्यमंत्रियों को भी उद्घाटन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.“
वहीं, राज्यसभा के मौजूदा उप सभापति हरिवंश के इस समारोह में शामिल होने की संभावना है. इसके अलावा भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को भी निमंत्रण भेजा गया है. नए संसद भवन के चीफ आर्किटेक्ट बिमल पटेल और उद्योगपति रतन टाटा को भी आमंत्रित किया गया है. दरअसल, टाटा प्रोजेक्ट्स ने इस संसद भवन के निर्माण का ठेका लिया था. साथ ही यह केंद्र की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजनाओं का भी हिस्सा था. इसके साथ ही फिल्मी हस्तियों और खिलाड़ियों सहित कुछ प्रमुख हस्तियों को भी निमंत्रण दिया गया है.
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति देंगे बधाई संदेश
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस मौके पर बधाई संदेश देने की संभावना है. इस दौरान नए संसद भवन में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला एक भाषण देंगे और पीएम मोदी के भाषण देने की संभावना है. संसद के सभी सदस्य लोकसभा कक्ष में ही बैठेंगे. इस कक्ष में 800 से अधिक लोग बैठ सकते हैं.
कौन-कौन सी पार्टियां कर रहीं विरोध?
नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो रहा है, इसका विरोध कई पार्टियां कर रही हैं. इन दलों की मांग है कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें. कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने इसका बायकॉट किया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), सीपीआई, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, आरएलडी, टीएमसी, जेडीयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं.
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