अब सेंगोल पर भी विवाद, कांग्रेस का दावा- ये पावर ट्रांसफर का प्रतीक नहीं, शाह बोले- भारतीय परंपरा से नफरत क्यों?
New Parliament Building Inauguration: संसद के उद्घाटन को लेकर जारी विवाद के बीच सेंगोल पर सियासत शुरू हो गई है. सेंगोल यानी राजदंड को पावर ट्रांसफर के SYMBOL के तौर पर लगाया जाएगा.
Sengol in Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन उद्घाटन (New Parliament Building Inauguration) करने जा रहे हैं. नई संसद पर सियासत पहले ही तेज है अब विपक्ष ने सेंगोल (Sengol) पर भी एतराज जताना शुरू कर दिया है. सेंगोल यानी राजदंड को पावर ट्रांसफर के SYMBOL के तौर पर लगाया जाएगा. इस पर भी राजनीति तेज हो गई है.
सेंगोल को लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के पास राजदंड के तौर पर कैसे स्थापित किया जाएगा, कैसे लगाया जाएगा, मंत्रोच्चार के बीच सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी, उसकी रिहर्सल शुरू हो चुकी है. मगर दूसरी तरफ उसी राजदंड पर जमकर सियासत हो रही है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने इसे कपोल कल्पना बताया तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पूछा कांग्रेस (Congress) को भारतीय परंपरा से नफरत क्यों हैं? सेंगोल के सवाल पर बीजेपी हमलावर है.
बीजेपी का सत्ता सौंपने का वक्त आ गया- अखिलेश यादव
वहीं, सेंगोल पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, लगता है कि अब बीजेपी ने मान लिया है कि सत्ता सौंपने का वक्त आ गया है. सेंगोल को हर कोई अपनी तरह से देख रहा है.
अब राजा रजवाड़े के दिन नहीं- केसी त्यागी
जनता दल यूनाइटेड के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद केसी त्यागी ने भी भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, अब राजा रजवाड़े के दिन नहीं है. ये लोकतंत्र है.
स्मृति ईरानी से लेकर हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस पर किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, सेंगोल (राजदंड) भारत की लोकतांत्रिक आजादी का प्रतीक है जो हमारे स्वर्णिम इतिहास का एक विशिष्ट अंग है. उस प्रतीक को गांधी खानदान ने एक म्यूजियम के किसी अंधेरे कोने में वॉकिंग स्टिक की तरह रख दिया था. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अब कांग्रेस ने इस विषय को लेकर भी बयानबाजी शुरू कर दी है. मै कांग्रेस से कहूंगा कि पहले तथ्यों को जान लें फिर बोला करें.