New Parliament Building Inauguration: नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को करेंगे, लेकिन इससे पहले ही इसको लेकर बीजेपी और विपक्षी दलों में बयानबाजी तेज हो गई है. 


कांग्रेस, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने का एलान किया है तो दूसरी तरफ ऐसे भी कई विपक्षी दल हैं, जिन्होंने कहा कि वो कार्यक्रम में जाएंगे. 


विपक्षी दलों की क्या मांग है?
नई संसद के उद्घाटन में कांग्रेस, टीएमसी, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक), मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल शामिल नहीं होंगे. 


इन दलों ने सामूहिक बहिष्कार की घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन नहीं कराना लोकतंत्र पर हमला है. इसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की भारत राष्ट्र समिति पार्टी (BRS) ने भी अलग से कहा कि वो समारोह में नहीं जाएगी. 


कौन-कौन जा रहा है?
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर माना जा रहा था कि सभी विपक्षी दल इस मामले में एक साथ हैं, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (TDP), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने बुधवार (24 मई) को कहा कि वो संसद भवन के उद्घाटन प्रोग्राम में जाएंगे. वहीं पूर्व सीएम मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है. 


वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ''मैं विपक्षी दलों से कहता हूं कि वो सभी राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए इस गौरवशाली आयोजन में भाग लें. लोकतंत्र की सच्ची भावना के साथ मेरी पार्टी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होगी. मैं नए संसद भवन को लेकर पीएम मोदी को बधाई देता हूं.'' 


शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल 28 मई को दिल्ली में संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे. चीमा ने कहा, ‘‘देश को एक नई संसद मिल रही है और यह गर्व का क्षण है. हम नहीं चाहते कि इस समय कोई राजनीति हो.'' 


सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा, ''संसद के नए भवन के उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है. वे अपने विवेक के अनुसार फैसला करेंगे.'' शाह ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. ‘सेंगोल’ अभी प्रयागराज के एक संग्रहालय में है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रहे हैं. 


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