नई दिल्ली: आज देश की नई संसद की नींव रख दी गई, पीएम मोदी नए संसद भवन का शिलान्यास किया. नई संसद पुरानी से बड़ी होगी और इसका डिजाइन भी काफी अलग रहने वाला है. अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो. नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा. कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा.


अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा नया संसद भवन
मंत्रालय के मुताबिक, नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा. सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी. मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी. नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है. नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा. डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है. आम लोग इसे देख सकेंगे.


भूकंप के तेज झटके भी होंगे बेअसर
नए संसद भवन के निर्माण के दौरान पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल होगा. नए भवन में उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि औरदृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी. इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी. भूकंप के तेज झटके भी इमारत झेल लेगी.


नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे. इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल होंगे. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, सहित लगभग 200 लोग लाइव वेबकास्ट के जरिये भूमि पूजन समारोह में मौजूद रहेंगे.


क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट के तहत नए संसद परिसर का निर्माण किया जाएगा. इसमें 876 सीट वाली लोकसभा, 400 सीट वाली राज्य सभा और 1224 सीट वाले सेंट्रल हॉल का निर्माण होगा. इससे संसद की संयुक्त बैठक के दौरान सदस्यों को अलग से कुर्सी लगा कर बैठाने की ज़रूरत खत्म हो जाएगी. सेंट्रल विस्टा में एक दूसरे से जुड़ी 10 इमारतों में 51 मंत्रालय बनाए जाएंगे. अभी यह मंत्रालय एक-दूसरे से दूर 47 इमारतों से चल रहे हैं. मंत्रालयों को नजदीकी मेट्रो स्टेशन से जोड़ने के लिए भूमिगत मार्ग भी बनाया जाएगा. राष्ट्रपति भवन के नज़दीक प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए नया निवास भी बनाया जाएगा. अभी दोनों के निवास स्थान राष्ट्रपति भवन से दूर हैं.


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