Sharad Pawar Defends Opposition Boycott: रविवार (28 मई) को नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाला है. इसको लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है और विपक्ष की कई पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया है. इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार का बयान भी सामने आया है. उन्होंने शनिवार (27 मई) को बायकॉट करने वाले विपक्षी दलों का बचाव किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, “इसको लेकर सांसदों को भरोसे में नहीं लिया गया.” महाराष्ट्र के पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, “वो कई वर्षों से संसद के सदस्य रहे हैं और औपनिवेशिक युग की मौजूदा इमारत अच्छी स्थिति में थी.” शरद पवार ने कहा कि उन्होंने सिर्फ अखबारों में ही पढ़ा था कि नए संसद भवन का निर्माण हो रहा है.
‘हमसे किसी ने सलाह नहीं ली’
शरद पवार कहते हैं, “अब जब निर्माण पूरा हो गया है, हमसे (संसद) भवन के उद्घाटन के बारे में सलाह नहीं ली. मानदंडों के मुताबिक, हर साल राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद का पहला सत्र शुरू होता है. इसलिए यह भी स्पष्ट है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भी राष्ट्रपति को करना चाहिए. चूंकि किसी को भरोसे में नहीं लिया जा रहा है, वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को लगा होगा कि हमें इससे दूर रहना चाहिए और इससे मैं सहमत हूं.”
विपक्ष की मांग- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, जबकि 20 से अधिक विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. विपक्षी दलों का कहना है संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाना चाहिए. विपक्षी दलों ने तर्क दिया है कि राष्ट्रपति मुर्मू न केवल देश की प्रमुख हैं, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी हैं. वह सत्र को बुलाती हैं, सत्रावसान करती हैं और संबोधित करती हैं.
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