New Parliament Building: 28 मई को जब संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन हो रहा था तो इन पलों को वहां मौजूद हर कोई खास बनाना चाह रहा था. खास बनाने के लिए तस्वीरों से बढ़कर क्या हो सकता है. ऐसी ही एक खास तस्वीर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शेयर की है जो तेजी से वायरल हो रही है. इसमें अमित शाह और स्मृति ईरानी एक फ्रेम में नजर आ रहे हैं.


दरअसल, उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर खींची जा रही थी. इस दौरान फ्रेम में स्मृति ईरानी भी एडजस्ट हो गईं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए स्मृति ईरानी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "फोटो बॉम्बड- जब हर कोई मेन फ्रेम का हिस्सा बनना चाहता हो." तस्वीर में पीछे केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी भी दिखाई दे रहे हैं.


लोकसभा चैंबर की तस्वीर


लोकसभा चैंबर में खींची गई इस तस्वीर में आगे अमित शाह पोज देते हुए नजर आ रहे हैं. उनके पीछे वाली कतार में स्मृति ईरानी मुस्कराते हुई बैठी दिखाई दे रही हैं. ईरानी के पीछे केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी भी खड़े होकर बात करते फ्रेम में आ गए हैं.






पीएम मोदी ने किया नई संसद का उद्घाटन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 मई) सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने संसद का नए भवन को 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब बताया. उन्होंने कहा, आज पूरी दुनिया भारत को आदर और उम्मीद के भाव से देख रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं और आज भी ऐसा ही एक दिन है.


लोकसभा में स्थापित हुआ सेंगोल


उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के ठीक पास ऐतिहासिक और पवित्र राजदंड 'सेंगोल' को स्थापित किया. ये वही राजदंड है, जिसे देश के आजाद होने पर 15 अगस्त, 1947 को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अंतिम अंग्रेज गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर प्राप्त किया था. सेंगोल का संबंध प्राचीन भारत के चोल साम्राज्य से है. चोल शासक सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया सेंगोल के द्वारा किया करते थे.


नेहरू के द्वारा लिए जाने के बाद सेंगोल गुमनामी में चला गया. इसे प्रयागराज के संग्रहालय में रखा गया. संग्रहालय में इसे वॉकिंग स्टिंक (सहारा देकर चलने वाली छड़ी) कहकर प्रदर्शित किया गया था. आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान मोदी सरकार ने इसे नई संसद में स्थापित करने का निर्णय लिया जिसके बाद इसे दिल्ली लाया गया. उद्घाटन के एक दिन पहले शनिवार (27 मई) को तमिलनाडु से आए अधीनम (मठ के संतों) ने इस सेंगोल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेश किया. 


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