(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New Parliament Inauguration: नए संसद भवन की कितनी होगी उम्र, जानें
New Parliament Building: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच नए संसद भवन का रविवार को उद्घाटन करेंगे. सरकार ने कहा कि नई संसद देश की जरूरत है.
New Parliament Building: नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को करेंगे, लेकिन इस बीच विपक्ष और केंद्र में घमासान जारी है. कांग्रेस और टीएमसी सहित 20 विपक्षी दल कह रहे हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन कराना चाहिए. इसके अलावा सवाल हो रहा है कि क्या नई संसद की जरूरत थी? ये कितने समय तक चलेगी?
इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2020 में बताया था कि नई संसद बिल्डिंग 150 साल से ज्यादा तक चलेगी. दरअसल हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि नए संसद भवन की कोई जरूरत नहीं है. देश के स्वतंत्रता संघर्ष में जिन लोगों का कोई योगदान नहीं था वे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
नए संसद भवन में क्या-क्या होगा?
नई संसद में पुरानी संसद की तुलना में ज्यादा सांसदों के बैठने बैठने की जगह होगी. नए संसद भवन के लोकसभा चेंबर में एक साथ 888 सदस्य सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्यसभा के चेंबर में एक साथ 384 सदस्य बैठ सकेंगे. पुरानी बिल्डिंग में संयुक्त सत्र का आयोजन सेंट्रल हॉल में किया जाता था, लेकिन नई बिल्डिंग में इसका आयोजन लोकसभा चेंबर में किया जाएगा. इसमें जरूरत पड़ने पर एक साथ 1200 से ज्यादा सांसद बैठ सकेंगे.
त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन में संविधान भवन भी होगा, जिसमें कि ओरिजनल संविधान और डिजिटल फॉर्म में संविधान रखा होगा. इसे कोई भी पेज टू पेज पढ़ सकेगा. इस चार मंजिला नई इमारत में केंद्रीय मंत्रियों के ऑफिस और कमेटी रूम होंगे. इसके अलावा नई बिल्डिंग में सेंट्रल लॉज भी बनाया गया है.
क्या खास है?
त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है. भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार. संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है. इसमें प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है.
लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था. हरा पत्थर उदयपुर से, तो अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है.
कहां से सामान आया?
लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नए भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था. अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाया गया था.
सरकार क्या कह रही है?
केंद्र सरकार का कहना है कि नई संसद आज की जरूरत है. सरकार ने बताया कि डिजिटल ऑडियो और वीडियो सिस्टम भी हर सीट के सामने लगाया गया है. इसका नियंत्रण स्पीकर के पास होगा कि कौन बोलेगा और कौन नहीं?