New Parliament House: नए संसद भवन को किसने किया डिजाइन, कहां से ली प्रेरणा, जानिए ये बिल्डिंग क्यों है खास?
New Parliament Building Inauguration: केंद्र सरकार ने जब से नए संसद भवन निर्माण की योजना सामने रखी थी उसी समय से इसका विरोध शुरू हो गया था. अब ये बनकर तैयार है और 28 मई को इसका उद्घाटन हो रहा है.
New Parliament Building: देश के लोकतंत्र को नया मंदिर मिल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. इसको लेकर तमाम तरह की बहस भी चल रही है. कुछ राजनीतिक पार्टियां इस समारोह का बायकॉट कर रही हैं तो वहीं कुछ गैर एनडीए वाले दल इसमें शामिल होंगे. इस सबके बीच नए संसद भवन की कुछ तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद चर्चा आम हो गई कि इस बिल्डिंग में खास क्या है?
दरअसल लोकतंत्र के मंदिर की आधारशिला पीएम नरेंद्र मोदी ने 2020 के दिसंबर के महीने में रखी थी. फर्स्ट पोस्ट के मुताबिक, औपनिवेशिक काल की पुरानी संसद ने 2021 में अपने 100 साल पूरे कर लिए थे. ऐसे में कहा जा सकता है कि आधुनिक युग की जरूरतों के मुताबिक पुराने संसद भवन को बदलना जरूरी हो गया था. 2012 में यूपीए की सरकार के दौरान स्पीकर मीरा कुमार ने नए संसद भवन की मांग सामने रखी थी.
नई संसद भवन का विस्तृत वर्णन
नई इमारत को बनाने में लगभग 970 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस 4 मंजिला इमारत में 1,224 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. एक सरकारी बयान के मुताबिक, इस नए ढांचे को त्रिकोणीय आकार का और आत्मनिर्भर भारत के नजरिए से बनाया गया है. आजादी के बाद पहली बार संसद भवन बनने का ऐतिहासिक मौका भी है. साथ ही 2022 में आजादी के 75वीं सालगिरह पर न्यू इंडिया के विजन को बताता है.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए संसद भवन की संरचना तीन विषयों पर आधारित रही है. पहला, राष्ट्रीय फूल- कमल, दूसरा, राष्ट्रीय पक्षी- मोर और तीसरा, राष्ट्रीय पेड़-बरगद. जहां राष्ट्रीय फूल कमल राज्यसभा को दर्शाता है तो वहीं राष्ट्रीय पक्षी मोर लोकसभा और राष्ट्रीय पेड़ बरगद सेंट्रल लाउंज को. इसके अलावा इमारत की छतों पर फ्रेस्को पेंटिंग, दीवारों पर श्लोक का वर्णन और स्ट्रक्चर पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह भी है.
टाटा प्रोजेक्ट्स ने किया कंस्ट्रक्शन
नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स ने किया है जबकि इसकी डिजाइन को अहमदाबाद की कंपनी एसचीपी डिजाइन एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने अंजाम दिया है. इसको मॉडर्न ऑडियो-वीडियो कम्युनिकेशन और डाटा नेटवर्क सिस्टम की सुविधाओं सहित बनाया गया है. साथ ही इसमें व्हीलचेयर की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है. इसके अलावा, भवन में सभी मंत्रियों के लिए कार्यालय और सभी फ्लोर्स पर सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था भी की गई है.
घोषणा के समय भी हुआ था विरोध
हालांकि, जब केंद्र सरकार ने नए संसद भवन की योजना को सामने रखा था उस समय भी इसका विरोध किया गया था. कई लोगों ने सरकार की ओर से अत्यधिक धनराशि खर्च करने की जरूरत पर सवाल उठाए थे. दरअसल उस समय देश कोरोना महारामारी की मार से जूझ रहा था. पर्यावरणविदों ने यहां तक कहा था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ने पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर दिया है. फिलहाल, नया संसद भवन बनकर तैयार है. हालांकि इसका विरोध आज भी हो रहा है.
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