New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, लेकिन इसी दिन विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है. इस पर सवाल उठ रहे हैं कि 28 मई के दिन को चुनना महज संयोग या फिर इसके पीछे केंद्र सरकार की सोची समझी रणनीति है.


इसी बीच एबीपी न्यूज से सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने कहा, ''केंद्र सरकार वीर सावरकर की जयंती के मौके पर नए संसद भवन का उद्घाटन करके उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है. नए संसद भवन हमारे नए भारत का प्रतीक है. मैक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की पहचान है.'' उन्होंने आगे कहा कि देश को लोकतंत्र के नए मंदिर की जरूरत थी.


रणजीत सावरकर ने क्या कुछ कहा?
रणजीत सावरकर से जब पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है?  इस पर उन्होंने कहा कि अभी तो उन्हें किसी भी तरह का आमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन अगर न्योता भेजा जाएगा तो वह जरूर समारोह में शामिल होंगे.  भारत रत्न दिए जाने के सवाल पर रंजीत सावरकर उनके लिए (विनायक दामोदर सावरकर) भारत रत्न से बड़ी बात है. उन्होंने दावा किया लोगों ने सावरकर को 'वीर सावरकर' की उपाधि दी है. 


नए संसद में क्या सुविधाएं है?
10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया. नए संसद के लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है.  संसद के वर्तमान भवन मैं लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है. 


संसद की नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं. बता दें कि संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था.


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