New Parliament Building: आगामी 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की नवनिर्मित संसद का उद्घाटन करने जा रहे हैं. उनके उद्घाटन को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और आलोचना अपने चरम पर पहुंच गई है. इस सिलसिले पर कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव ने ट्वीट कर बीजेपी और पीएम मोदी पर तगड़ा निशाना साधा. 


जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि नई संसद को व्हाट्सएप युनिवर्सिटी से मिले ज्ञान से दूषित किया जा रहा है. बीजेपी-आरएसएस बिना सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है. उन्होंने कहा, सेंगोल के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने के कारण बीजेपी के ढोंगियों का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है. 


सेंगोल का क्या सच है कांग्रेस महासचिव ने बताया?
1. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, यह सच है कि सेंगोल, जिसको तत्कालीन मद्रास प्रांत में एक सनातन समूह ने बनाया था और उसको मद्रास में ही तैयार करने के बाद इस राजसी राजदंड़ को अगस्त 1947 में देश के तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था. 


2. इस बात का कोई भी लिखित प्रमाण नहीं है कि माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू ने इस राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया हो, उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि इनके सभी दावे पूरी तरह से झूठे और बोगस हैं, हो सकता है उनको यह ज्ञान व्हाट्सअप युनिवर्सिटी से मिला हो. 


3. जयराम रमेश ने कहा, राजदंड को बाद में इलाहाबाद संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया. 14 दिसंबर, 1947 को नेहरू ने वहां जो कुछ कहा, वह सार्वजनिक रिकॉर्ड का मामला है, भले ही उस पर लगा हुआ लेबल कुछ भी कहे.


4. राजदंड का इस्तेमाल पीएम और उनके समर्थक तमिलनाडु में अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिए कर रहे हैं. बीजेपी-आरएसएस ब्रिगेड की यही विशेषता है जो अपने विकृत उद्देश्यों के लियों तथ्यों के साथ खिलवाड़ करती है.


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