New Parliament Building Inauguration Reactions: देश के नए संसद भवन का आज (28 मई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कर दिया है. 21 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया तो 25 पार्टियों ने मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया. उद्घाटन समारोह समाप्त होने के बाद कई बड़े नेताओं ने इस पर अपना रिएक्शन दिया है. चलिए आपको बताते हैं किसने क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत कई नेताओं ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल ने ट्वीट कर कहा, "संसद लोगों की आवाज है. प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "राज्याभिषेक पूरा हुआ- 'अहंकारी राजा' सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज!"
क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे?
इसके अलावा मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. खरगे ने ट्वीट किया, "नई संसद के उद्घाटन का हक राष्ट्रपति जी से छीना, सड़कों पर महिला खिलाड़ियों को तानाशाही बल से पीटा! बीजेपी-आरएसएस के सत्ताधीशों के 3 झूठ अब देश के सामने बे-पर्दा हैं- 1. लोकतंत्र 2. राष्ट्रवाद 3. बेटी बचाओ. याद रहे मोदी जी, लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं, जनता की आवाज से चलता है.''
'पूरा देश देख रहा है अहंकार को'
एक तरफ नई संसद का उद्घाटन और दूसरी तरफ खिलाड़ियों के विरोध को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा, "खिलाड़ियों के छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं. उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है. बीजेपी सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है. ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है."
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
ममता बनर्जी ने कहा, "जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगट और अन्य पहलवानों के साथ मारपीट की, उसकी कड़ी निंदा करती हूं. यह शर्मनाक है कि हमारे चैंपियंस के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है." उन्होंने मांग की कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस की तरफ से तुरंत रिहा किया जाए.
शरद पवार ने किया तंज
नए संसद भवन के उद्घाटन पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "मैंने सुबह का आयोजन देखा. मुझे खुशी है कि मैं वहां नहीं गया. वहां जो कुछ हुआ, उसे देखकर मैं चिंतित हूं. क्या हम देश को पीछे ले जा रहे हैं? क्या यह आयोजन सीमित लोगों के लिए ही था?"
बता दें कि ज्यादातर विपक्षी दलों का कहना था कि राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए. विपक्षी दलों ने तर्क दिया था कि राष्ट्रपति मुर्मू न केवल देश की प्रमुख हैं, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी हैं.
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