Pakistan Reaction on New Parliament Inauguration: भारत में नए संसद भवन के उद्धाटन पर घमासान मचा हुआ है. नई संसद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है. उधर पाकिस्तान में भी भारत की नई संसद को लेकर काफी चर्चा है. पाकिस्तान में यूट्यूब पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. वहां की जनता नई संसद को लेकर तरह-तरह की बातें कर रही है. चलिए आपको बताते हैं भारत की नई संसद को लेकर पाकिस्तानी क्या सोचते हैं?


पाकिस्तानी रियल रिएक्शन्स नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में दो लोग नई संसद पर चर्चा करते हुए कह रहे हैं कि कितना प्यारा पार्लियामेंट बनाया है. मैंने आज तक इतनी खूबसूरत संसद नहीं देखी है. एक तरह से यूएनएससी की तरह लग रहा है. यूएन की इमारत भी छोटी है. भारत की संसद बड़ी है. सबसे ऊपर तीन शेर बने हुए हैं. पूरी संसद त्रिकोण के आकार में है. ड्रोन से पूरी संसद कितनी कमाल की लगती है.


पकिस्तान में लाहौर से चौक चौराहों से लेकर मुल्तान के मौहल्लों तक भारत की नई संसद की ही चर्चा है. नई संसद की तस्वीरों को पकिस्तानी रिवाइंड कर देख रहे हैं. उस घड़ी को कोस रहे हैं जब नियाजी के शागिर्दों ने अपने ही मुल्क को फूंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.


'जज्बातों से फैसले नहीं होते...'
रियल एंटरटेनमेंट टीवी नाम के यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू में एक शख्स कह रहा है, 800 करोड़ रुपये उन्होंने लगाया है. भारत की इकनॉमी मजबूत है. वो पैसा लगा रहे हैं. वो विकास की वजह से आज आगे जा रहे हैं. अपनी संसद बना रहे हैं. इकनॉमी बेहतर होगी तो ये चीज़ें होंगी. दूसरी तरफ हमारी इकनॉमी भी खत्म है और हम अपनी बिल्डिंगों को भी जला रहे हैं. 


पाकिस्तानी पत्रकार सुहैब चौधरी ने कहा, हमारे देश में जज्बात में सरकार फैसले लेती है. जबकि फैसले तो दिल से लिए जाने चाहिए, सोचकर करने चाहिए. बात करनी चाहिए. मिलजुल रहना चाहिए. तभी डपलपमेंट कर पाएंगे. जैसे पाक ने भारत के साथ ट्रेड पर लगा दिया. ऐसा नहीं होना चाहिए. वह लोग एशिया कप खेल रहे हैं, वर्ल्ड कप खेल रहे हैं. 


'अंग्रेजों की गुलामी के प्रतीकों को हटाना भारत का मकसद'
कमर चीमा नाम के एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा, भारत में एक परंपरा चल पड़ी है कि हमें अंग्रेजों की गुलामी के प्रतीकों को हटाना है. हमें भारत को नई पहचान देनी है. हर जगह भारतीय कल्चर ला रहे है. 


सना अहमद नाम के यूट्यूब चैनल पर एक शख्स ने इंटरव्यू में कहा, "जब नरेंद्र मोदी आज से सात-आठ साल पहले प्रधानमंत्री बने थे तो पाकिस्तान ही क्या दुनिया में किसी भी शख्स ने नही सोचा था कि वो विजनरी शख्स होंगे. क्योंकि हम उनके सोशल स्टेटस से उन्हें जज कर रहे थे कि एक चाय वाला कैसे सरकार चलाएगा. हमने जिसे हमने हल्के में लिया वही अपने मुल्क को इतना ऊपर ले गए कि आप समझ ही पा रहे."


इसी चैनल पर दूसरे शख्स ने कहा, "पाकिस्तान में अबतक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका. जबकि इंडिया में नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल है और उनके कार्यकाल में चार आर्मी चीफ आए. ये हमारे लिए शर्म की बात है."


पाकिस्तान की संसद का इतिहास
पाकिस्तान की संसद का उद्घाटन 28 मई 1986 को हुआ था जिसे बनाने में 11 साल लग गए. पाकिस्तान की संसद को अमेरिका आर्किटेक्ट Edward Durel Stone ने डिजाइन किया था. पांच मंजिला पाकिस्तान की संसद में ग्राउंड फ्लोर का एरिया 176,889 स्क्वायर फीट है. ग्राउंड फ्लोर पर ही एक मस्जिद बी बनाई गई हैं जहां साढ़े चार सौ नमाजी नमाज पढ़ सकते हैं. भारत की तरह ही पाकिस्तान में संसद के दो सदन हैं. भारत की संसद को संसद ही कहा जाता है, जबकि पाकिस्तान की संसद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है.. पाकिस्तान के निचले सदन को नेशनल असेंबली और ऊपरी सदन को सीनेट कहते हैं. 


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