Adhir Chowdhury In New Parliament: नए संसद भवन में विशेष सत्र की कार्यवाही मंगलवार (19 सितंबर) से शुरू हो गई. पहले दिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संविधान की कॉपी दिखाते हुए कई बड़ी बातें कहीं. उन्होंने संविधान की तुलना गीता, कुरान और बाइबल से की और कहा कि कांग्रेस संविधान के प्रति सबसे अधिक प्रतिबद्ध है.


उन्होंने संविधान की कॉपी पढ़ते हुए कहा कि इसमें 22 भाषाएं हैं, जो देश की एकता को दर्शाती हैं. कोई भी ऐसा काम नहीं होना चाहिए, जो लोगों के बीच में फूट डालें. उन्होंने कहा पीएम मोदी का भाषण सुनते-सुनते मेरे जेहन में बस गया है.


डिप्टी स्पीकर का मुद्दा उठाया
डिप्टी स्पीकर का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि हमारी संसद में स्पीकर हैं, लेकिन डिप्टी स्पीकर नहीं हैं. अधीर के संबोधन के बीच में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उन्हें समय की याद दिला रहे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि पुरानी संसद में भी हमें अपनी बात कहनी थी और यहां भी कहनी है.


महिला आरक्षण बिल के समर्थन की घोषणा
महिला आरक्षण पर अधीर चौधरी ने कहा, "1989 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब स्थानीय निकाय के चुनाव में उन्होंने एक तिहाई आरक्षण महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया था. उसके बाद कांग्रेस की सरकारों में लगातार प्रयास किया कि महिला आरक्षण का बिल पास हो, कानून बने. लोकसभा एवं विधानसभाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए राजीव जी की सरकार, नरसिम्हा राव की सरकार और डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार ने समय-समय पर उसे पास करवाने का प्रयास किया. कभी राज्यसभा में पास होता था तो कभी लोकसभा में. डॉ मनमोहन सिंह की सरकार के समय यह बिल पास (राज्यसभा में) हुआ,  जो आज तक जीवित है.''


उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी यह प्रस्ताव पास हुआ है कि संसद के सत्र में महिला आरक्षण बिल पास किया जाए. चौधरी ने कहा कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को इस बावत पत्र भी लिखा था. हम फिर से इस मांग को दोहराते हैं.


उन्होंने संसद में रखे सेंगोल के इतिहास को लॉर्ड माउंटबेटन और पंडित जवाहरलाल नेहरू से जोड़ने की कोशिश की. इस पर भाजपा सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. गृहमंत्री अमित शाह को भी खड़े होकर इस पर बोलना पड़ा.


ये भी पढ़ें:महिला आरक्षण बिल: 160 से ज्यादा लोकसभा सीटों का समीकरण बदलने की तैयारी में मोदी सरकार?