अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस दुनिया की सबसे खास इमारत होगी नई संसद, 10 दिसंबर को पीएम मोदी रखेंगे आधारशिला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि लोकतंत्र के मंदिर भारतीय संसद, जिसको सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन अब आजाद भारत का हमारे द्वारा बनाए जाने वाले भवन का शिलान्यास तय हुआ है.
नई दिल्ली: भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भारतीय संसद का नया भवन देश को समर्पित किया जाएगा, जिसकी आधारशिला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को रखेंगे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के मुताबिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नया संसद भवन दुनिया की बेहतरीन इमारतों में से एक होगी, जिसे अगले 100 वर्षों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है.
नए भवन में मौजूदा सभी सुविधावों को समाहित करते हुए भारतीय सभ्यता और शिल्पकारों की कलाकृतियों को दर्शाया जाएगा, ताकि भवन के अंदर दाखिल होते ही भारत की झलक दिखाई दे. जबकि मौजूदा संसद भवन के ढांचे से बिना छेड़छाड़ किये उसे पुरातत्व के रूप संग्रहित किया जाएगा.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि लोकतंत्र के मंदिर भारतीय संसद, जिसको सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन अब आजाद भारत का हमारे द्वारा बनाए जाने वाले भवन का शिलान्यास तय हुआ है. इसका शिलान्यास 10 दिसंबर को 1 बजे प्रधानमंत्री द्वारा भूमिपूजन के साथ शुरू होगा. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नए संसद की जरूरत थी. इसलिए दोनों सभाओं में यह आग्रह किया था. क्योंकि नए भवन में दोनों सदन होंगे. नए भवन में भारतीय संस्कृति और कलाओं को दर्शाया जाएगा.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब हम सदन की 75वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे. तब नए सदन से सदन की कार्यवाही होगी. जो हमारे विकाश के गौरव का प्रतीक होगा. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि संसद के भूमि पूजन कार्यक्रम में सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा, कुछ लोगों को स्वयं उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जबकि कुछ लोगों को वर्चुअल संसद के कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा.
पुराने संसद भवन का क्या होगा पुराने भवन का कैसे उपयोग किया जाएगा, उसको लेकर एक कामेटी गठित की जाएगी. जो तय करेगी की पुराने भवन का उपयोग कैसे किया जाना है. ओम बिड़ला ने कहा कि पुराना भवन हमारी पुरातत्व की संपत्ति है. उसे भी पुरातत्व के रूप में रखा जाएगा.
नए संसद भवन की क्या खूबियां होंगी?
- भवन को भूकंप की समस्या को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है.
- ये संपूर्ण आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक होगा.
- आने वाले समय के संसद सदस्यों की संख्या को ध्यान में रखते हुए 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी.
- विश्व में एक अलग पहचान वाला भवन होगा.
- कुल 971 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा, जबकि 64,500 वर्गफुट में होगा.
- नए भवन में सभी सदस्यों के लिए कार्यालय होगा.
- सांसदों की मांग पर सभी सांसदों के लिए 400 वर्ग फुट का एक कार्यालय होगा. जो श्रमशक्ति भवन की खाली जमीन पर बनाया जाएगा और उसके अंदर से एक अंडरग्राउंड रास्ता होगा जो संसद भवन में निकलेगा.
- दुनिया के सभी संसद भवन में सबसे बेहतर और आधुनिक सुविधाओ से लैस होगा.
- नई इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत, संसद के सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान, दिखाने के लिए एक भव्य संविधान हॉल भी होगा.
- नए भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में ऊपरी सदस्यों के लिए 384 सीटें होंगी.
- यह दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में भविष्य की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
- वर्तमान में लोकसभा के पास 543 सदस्यों की मंजूरी है और 245 की राज्यसभा है.