नई दिल्लीः सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रही नई संसद का काम जोरों पर है. सरकार के दावों की माने तो 2022 का शीतकालीन सत्र भारत की नई संसद में आयोजित किया जाएगा. सरकार का दावा यह भी है कि नई संसद दुनिया की बेहतरीन इमारतों में से एक होगी. जिसके तैयार होने के बाद कहा जा सकेगा कि ये भारत द्वारा बनाई गई अपनी संसद है. नई संसद को न सिर्फ अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है बल्कि तकनीकी रूप से भी अब तक की सबसे हाईटेक बिल्डिंग होगी. भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी नई संसद में दर्शाया जाएगा. अमेरिकी दौरे से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्माणाधीन संसद भवन के काम का जायजा लिया. 


दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की मांग लंबे समय से थी. केंद्र सरकार के मंत्रालयों की जो बिल्डिंगे हैं, वो काफी पुरानी हो चुकी हैं. मौजूदा संसद भवन में भी आज के हिसाब से बहुत सी समस्याएं हो रही हैं. ऐसे 2019 में मोदी सरकार वापस आने पर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी गई. ये पूरा प्रोजेक्ट वर्ष 2026 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत नई संसद, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, सभी 51 मंत्रालयों के लिए राजपथ के दोनों ओर 10 मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, प्रधानमंत्री आवास और प्रधानमंत्री का दफ्तर बनाया जाना है.


इसकी शुरुआत दो कार्यो से किया जा रहा है. पहला नया संसद भवन और दूसरा सेंट्रल विस्टा एवेन्यू. नई संसद का ग्लोबल टेंडर सितंबर 2020 में ही भारत की टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को 862 करोड़ में दिया जा चुका है. जिसे नवंबर 2022 तक बनकर तैयार किया जाना है. नई संसद के निर्माण में सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखा जा रहा है. 


कैसी होगी नई संसद


- तिकोना होगा संसद का आकार.


- लोवर ग्राउंड समेत 4 मंजिला होगा संसद भवन.


- संसद भवन में लोवर ग्राउंड और अपर ग्राउंड के अलावा फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर भी होगी.


- अपर ग्राउंड फ्लोर लोकसभा और राज्यसभा के अलावा मंत्रियों के कमरे, सेंट्रल लॉज, संविधान हाल और लाइब्रेरी भी होगी. 


- नई संसद में करीब 65000 स्क्वायर मीटर का किया जायेग निर्माण


- 165000 क्यूबिक मीटर की हो रही है खुदाई


- नई संसद में 113625 क्यूबिक मीटर का होगा कंक्रीट वर्क


- 22000 मीट्रिक टन का होगा रिइंफोर्समेंट


- 285000 स्क्वायर मीटर का होगा फोमवर्क


- 54000 स्क्वायर मीटर का होगा पत्थरों का काम


- 62000 स्क्वायर मीटर होगी फ्लोरिंग


- 43000 स्क्वायर मीटर होगी फाल सीलिंग


खास बात


- महज 45 दिनों में 165000 क्यूबिक मीटर एरिया की की गई खुदाई


- नई संसद के सबसे ऊपर 21 फुट ऊंचा और 10 फुट ऊंचा अशोक स्तंभ लगाया जाएगा. जो काफी दूर से दिखाई देखा


- इस प्रोजेक्ट में 35679 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल


- 18841 मीट्रिक टन रिइंफोर्समेंट स्टीलनक इस्तेमाल किया जा रहा है


- 2256 क्यूबिक मीटर फ्लाईएश का इस्तेमाल


- करीब 4800 लेबर नई संसद की साइट पर लगाए गए, जबकि 1190 लेबर बाहर के काम मे लगाए गए. जबकि 3175 लोगों को स्किल्ड किया गया.


- सभी कर्मचारियों का किया गया वैक्सिनेशन


- देश के अलग अलग हिस्सों में चल रहा है काम


- नागपुर में टीक वुड का काम


- सिरमथुरा में सैंडस्टोन


- मिर्जापुर में कालीन का काम


- अगरतला में हो रहा है बांस की लकड़ी का काम


- राजस्थान के राजनगर में पत्थरों की जाली का काम चल रहा है


- इंदौर में अशोक चक्र का काम


- औरंगाबाद में अशोक स्तंभ का काम


- फर्नीचर का काम मुंबई में


ऐसा होगा सेंट्रल विस्टा


- राष्ट्रपति भवन के साथ ही होगा प्रधानमंत्री आफिस


- ठीक उसके पीछे बनाया प्रधानमंत्री आवास. प्रधानमंत्री आवास और प्रधानमंत्री ऑफिस के बीच अंदर से ही आने जाने की होगी व्यवस्था


- नॉर्थ ब्लॉक साउथ ब्लॉक को नेशनल म्यूजियम में किया जाएगा तब्दील


- राजपथ के दोनों तरफ 11 बहुमंजिला भवन बनेंगे जिसमें सभी 51 मंत्रालयों के दफ्तर होंगे सभी मंत्री भी उन्हीं भवनों में बैठेंगे


- सेंट्रल विस्टा निर्माण के दौरान राज्य पद के मूल स्वरूप से नहीं होगी छेड़छाड़ बल्कि और अधिक हरियाली और जगह आम लोगों के लिए की जाएगी निर्धारित


- सभी मंत्रियों के दफ्तर और उनके फर्नीचर होंगे एक जैसे


उत्तर प्रदेश चुनाव में 325-350 सीटें जीतेगी BJP, किसान आंदोलन का नहीं होगा असर- सीएम योगी आदित्यनाथ


पिछले महीने चीन के 100 सैनिकों के उत्तराखंड में घुसकर तोड़फोड़ का दावा, ओवैसी ने मोदी सरकार पर किया हमला