Droupadi Murmu Life Story: देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिल गया है. एनडीए (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) राष्ट्रपति चुनाव में विजयी हुई हैं. 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी. इससे पहले आपको द्रौपदी मुर्मू के सफर और उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें बताते हैं. एक आदिवासी परिवार से आने वाली देश की नई राष्ट्रपति का के लिए शीर्ष पद पर पहुंचना इतना आसान नहीं था. उनका जीवन भी कई मुश्किलों से भरा रहा है, लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो उनके सफर की हर मुश्किल को दूर करती चली गईं, जैसे अनुशासन और ध्यान. 


द्रौपदी मुर्मू बेहद अनुशासनात्मक और साधारण जीवन जीती हैं. वो रोज सुबह 3 बजे उठ जाती हैं और अपना नियमित योग व ध्यान करती हैं. विकास महन्तो, जो द्रौपदी मुर्मू के साथ 1996 से हैं वो बताते हैं, "मैं कहूंगा कि वह असाधारण रूप से मेहनती और समय की पाबंद हैं. मेरा मतलब है कि हमने उन्हें शुरुआती दिनों से देखा है और वह जो भी काम करती हैं, उसके बारे में वह बहुत समय की पाबंद होती हैं. बैठकों के मामले में भी, वह हमेशा इसे बनाए रखेंगी. सुबह 3 बजे उठने के बाद, योग और ध्यान करती हैं. फिर नाश्ता करती हैं और उसके बाद अखबार व कुछ आध्यात्मिक किताबें पढ़ती हैं." 


ब्रह्माकुमारियों ने जीवन में लाया बड़ा बदलाव


उन्होंने आगे कहा कि, "अध्यात्म पर यूट्यूब वीडियो भी देखती हैं. ईमानदारी से कहूं तो ब्रह्माकुमारियों ने उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है. अपने दोनों बेटों को खोने के बाद, वह अंदर ही अंदर दुखी रहती थीं. राजनीति में भी शामिल नहीं होना चाहती थी, लेकिन जैसे ही वह ब्रह्मकुमारी में शामिल हुईं और उनका कोर्स किया, वह ठीक होने लगीं. फिर काम पर वापस आ गई." 


शुद्ध शाकाहारी हैं नई राष्ट्रपति


विकास महन्तो ने कहा कि, "वह अपने साथ हर समय एक अनुवाद और ब्रह्माकुमारी की एक किताब रखती हैं. वह शुद्ध शाकाहारी हैं, जो प्याज और लहसुन भी नहीं लेती हैं. ओडिशा की विशेष मिठाई "चेन्ना पोड़ा" उनका पसंदीदा है. 21 तारीख को रात करीब 8 बजे जब मैं अपनी दुकान में था, मुझे एक फोन आया कि पीएम मोदी द्रौपदी मुर्मू से बात करना चाहते हैं. मैंने उनसे कहा कि मैं 5 मिनट का समय लूंगा, इसलिए मैं वापस भागा. मैडम सोने के लिए जा रही थीं. मैं जल्दी उनके पास गया और बताया कि पीएम उनसे बात करना चाहते हैं." 


जीवन में कई मुश्किलों का किया सामना


उन्होंने उन्हें बताया कि संसदीय बैठक के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनका नाम रखने का फैसला किया है. शुरूआती कुछ सेकेंड के लिए वो काफी इमोशनल हो गई थीं. शायद उन्हें अपने पति और बेटों की याद आ रही थी. वह थोड़ा रोई, और फिर सामान्य हो गईं क्योंकि खबर के सामने आने के बाद तुरंत भीड़ जमा हो गई थी." द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है. 2009-2015 के बीच केवल छह वर्षों में, मुर्मू ने अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था, लेकिन अपने जीवन में इतनी त्रासदियों के आने के बाद भी आज वे देश की शीर्ष पद पर विराजमान हैं. 


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