नई दिल्लीः दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन का काम लगभग पूरा हो गया है और यह संशोधित मास्टर प्लान 9 जून के बाद से लागू भी हो जाएगा. इस मास्टर प्लान में दिल्ली के कई इलाकों में एफएआर को बढ़ाने की बात कही गई है. इसका मतलब यह होगा कि दिल्ली के कई इलाकों में जहां पर अभी तक अवैध निर्माण के चलते बड़े पैमाने पर सीलिंग और डिमोलिशन की कार्रवाई चल रही थी उस पर रोक लग जाएगी. यानी कि 2006 के बाद बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण को नियमों के दायरे में लाकर और कनवर्ज़न चार्ज वसूल कर वैध किया जा सकता है. इसका मतलब है कि अगर किसी का चार मंजिला मकान कंवर्जन चार्ज देने के बाद वैध हो जाता है तो तीन मंजिला मकान वाला भी एक और मंजिल बनाने की मांग कर सकता है.


इस बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने उम्मीद जताई है कि फिलहाल दिल्ली में किसी भी तरह की सीलिंग की कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट में भी साफ हो चुका है कि दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन हो रहा है और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून तक का वक्त भी दिया हुआ है.


इससे पहले दिल्ली में पिछले कुछ महीने से अलग-अलग इलाकों में सीलिंग और डिमोलिशन की कार्रवाई चल रही थी. यह सीलिंग डिमोलिशन की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर की जा रही थी. मॉनिटरिंग कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि दिल्ली में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो गया है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी से एक बार फिर कार्रवाई करने को कहा था और उसी के बाद दिल्ली में सीलिंग और डिमोलिशन की कार्रवाई शुरू हुई थी.