Supreme Court Roster: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस संजीव खन्ना के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद 11 नवंबर 2024 से प्रभावी एक नया वर्किंग रोस्टर जारी किया है, जिसमें विषयवार मामलों का आवंटन किया गया है. इस रोस्टर के तहत मुख्य न्यायाधीश की पीठ को जनहित याचिकाओं, सामाजिक न्याय, सेवा मामलों, चुनावी विवाद, अप्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, नौवहन, न्यायिक सेवाओं, संवैधानिक पदों की नियुक्ति, सशस्त्र बलों, मेडिकल प्रवेश, व्यक्तिगत कानून, आपराधिक मामलों, अवमानना, सूचना के अधिकार, शराब लाइसेंस, और खनन पट्टों जैसे प्रमुख विषय सौंपे गए हैं. 


न्यायमूर्ति बी.आर. गवई: भूमि अधिग्रहण से लेकर अपराध तक


न्यायमूर्ति बी.आर. गवई को भूमि अधिग्रहण और अधिग्रहण पुनर्स्थापन से जुड़े मामलों का जिम्मा दिया गया है. इसके अलावा उन्हें जनहित याचिकाएं और पीआईएल मामलों के साथ-साथ आपराधिक मामले, न्यायालय अवमानना, और सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट व जिला अदालतों के कर्मचारियों से जुड़े मामलों को भी सौंपा गया है.


न्यायमूर्ति सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय: चुनावी और नागरिक मामलों की देखरेख


न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भूमि अधिग्रहण, जनहित याचिकाएं और चुनावी मामलों का कार्यभार दिया गया है. इसके अतिरिक्त, वे आपराधिक, सामान्य नागरिक मामले और बैंकिंग तथा व्यापारिक कानून से जुड़े मुद्दों का भी निपटारा करेंगे. उनकी पीठ को शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता और कृषि से जुड़े कानूनों का भी दायित्व सौंपा गया है. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय को श्रम मामलों, सेवा विवादों और शैक्षणिक संस्थानों के मामलों की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही वे सशस्त्र बलों और अदालती अधिकारियों से जुड़े मामलों को भी देखेंगे.


न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और जे.के. महेश्वरी


न्यायमूर्ति विक्रम नाथ को श्रम, सेवा और पारिवारिक कानून से जुड़े मामलों का प्रभार सौंपा गया है. वे सामान्य नागरिक मामलों के साथ-साथ उपभोक्ता संरक्षण और सार्वजनिक परिसर से जुड़े मुद्दों का भी निपटारा करेंगे. न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी को मुआवजा से संबंधित मामलों का कार्यभार दिया गया है. इसके साथ ही वे किरायेदारी कानून, सेवा विवाद और उपभोक्ता संरक्षण के मामलों की सुनवाई भी करेंगे.


अन्य न्यायाधीशों की भूमिका


न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी को सेवा, उपभोक्ता संरक्षण और शराब लाइसेंस से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी प्रकार, न्यायमूर्ति पामिदिघंटम श्री नरसिम्हा, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और अन्य न्यायाधीशों को भी उनके अनुभव के आधार पर विभिन्न विषयों के मामले सौंपे गए हैं.


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