New Terror Group: अफगानिस्तान में बना आतंकवाद का नया नेटवर्क तहरीक-ए-तलिबान अमीरात, पर्दे के पीछे से मदद करेगी ISI
New Terror Group: खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान अफगानिस्तान में अनेक जगहों पर मोर्चा खोल कर बैठा है, लिहाजा उसके अपने लड़ाकों के पास इतना समय नहीं है कि वह नए भर्ती आतंकियों को ट्रेनिंग दे सके.
New Terror Group: अफगानिस्तान में आतंकवाद का नया नेटवर्क बना है जिसे तहरीक-ए-तलिबान अमीरात नाम दिया गया है. इस आतंकी गठजोड़ में आतंकवादी संगठन लश्कर, जैश के साथ काम करेगा हक्कानी नेटवर्क और तालिबान. पर्दे के पीछे से इसे तमाम संसाधन मुहैया कराएगी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई. आतंक का यह नया गठजोड़ आने वाले समय में भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ आतंकी गठजोड़ का नया नेटवर्क बना दिया गया है. इस नए नेटवर्क में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ काम करेगा आतंक का हक्कानी नेटवर्क और उसका साथ देगा तालिबान. आतंक के इस नए गठजोड़ की पूरी स्क्रिप्ट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची है और इस संगठन को नाम दिया गया है तहरीक-ए-तालिबान अमीरात. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान अफगानिस्तान में अनेक जगहों पर मोर्चा खोल कर बैठा हुआ है, लिहाजा उसके अपने लड़ाकों के पास इतना समय नहीं है कि वह नए भर्ती आतंकियों को ट्रेनिंग दे सके. लिहाजा इस काम का जिम्मा सौंपा गया है आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को. जैश-ए-मोहम्मद ने अपने प्रशिक्षित लड़ाकों को तालिबान के नए कैडरों को ट्रेनिंग देने के लिए अफगानिस्तान भेजा है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ऑपरेशन अफगान के तहत अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों के बीच तालमेल का मुखिया जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और उसके भाई मोहम्मद इब्राहिम अजहर को बनाया है यानी इस पूरे एपिसोड में जैशे मोहम्मद सबसे ताकतवर आतंकवादी संगठन के रूप में उभरा है. ध्यान रहे कि मसूद अजहर और अफगानिस्तान का होने वाला नया मुखिया मुल्लाह बारादर एक-दूसरे के बेहद करीबी हैं और इसके पहले एक दूसरे की समय समय पर मदद भी कर चुके हैं. अफगानिस्तान में सत्ता लेने के फौरन बाद आई एस आई और मसूद अजहर के साथ बारादर की एक बैठक भी हो चुकी है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद को भी आईएसआई ने अपनी इस कहानी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है इस जिम्मेदारी के तहत हाफिज मोहम्मद सईद को लाहौर में एक सुरक्षित स्थान पर बिठाकर अफगानिस्तान और कश्मीर के लिए फंड कलेक्शन का जिम्मा सौंपा गया है यानी तालिबान को पूरी तरह से यह विश्वास दिलाने की कोशिश की गई है कि मुसीबत की इस घड़ी में पाकिस्तान पूरी तरह से उसके साथ है.
आतंक से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों को संभालने वाले जानकारों का भी मानना है कि यह गठजोड़ भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है. दिल्ली पुलिस में आतंकवाद निरोधक दस्ते का कार्यभार संभाल चुके पूर्व पुलिस उपायुक्त एल्बम राव का मानना है कि इस गठजोड़ से केवल भारत को ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों को खतरा पैदा हो सकता है क्योंकि आतंकी केवल आतंक फैलाना जानता है कोई दूसरा काम नहीं जानता और उसके लिए सभी देश एक बराबर होते हैं. मतलब साफ है कि आने वाले समय में भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को एक बार फिर बड़े खतरों से दो-चार होना पड़ सकता है क्योंकि आतंक का नया नेटवर्क अपने खेल खेलेगा ही.
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